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जेल में बंद व निलंबित पूर्व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

आयुर्वेदिक विवि के कुलसचिव पद पर रहने के दौरान नियुक्तियों में गड़बड़ी और धोखाधड़ी मामले में जेल में बंद निलंबित पूर्व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 07:09 PM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 07:09 PM (IST)
जेल में बंद व निलंबित पूर्व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

नैनीताल, जेएनएन : आयुर्वेदिक विवि के कुलसचिव पद पर रहने के दौरान नियुक्तियों में गड़बड़ी, सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग, धोखाधड़ी मामले में जेल में बंद निलंबित पूर्व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मिश्रा से एक सप्ताह में प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने को कहा है।

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यहां उल्लेखनीय है कि पिछले साल 12 नवंबर को विजिलेंस ने आयुर्वेदिक विवि में कुलसचिव रहे मिश्रा के खिलाफ देहरादून में मुकदमा दर्ज किया था। अब तक की जांच में विजीलेंस ने फर्जी तरीके से लाखों के लेनदेन का मामला भी पकड़ा है। विजीलेंस का आरोप है कि मिश्रा ने कुलसचिव रहते नियुक्तियों में गड़बड़ी की, सरकारी संपत्ति का गलत उपयोग कर लाखों की रकम अपने निजी खातों में जमा की। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद मिश्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। जबकि उसके एक सप्ताह बाद याचिकाकर्ता को प्रति शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

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