नेपाल सीमा पर विस्फोटक मिलने से उड़ी पुलिस की नींद
शारदा बैराज के पास बरामद विस्फोटक के बारे में जानकारी जुटाने में नेपाल पुलिस ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से मदद मांगी है।
हल्द्वानी, [कमलेश पांडेय]: उत्तर प्रदेश से सटे नेपाल के जिलों में ताबड़तोड़ 18 बम धमाकों के बाद उत्तराखंड सीमा पर विस्फोटकों की बरामदगी ने खुफिया एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। शनिवार रात शारदा बैराज के पास बरामद विस्फोटक के बारे में जानकारी जुटाने में नेपाल पुलिस ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से मदद मांगी है।
नेपाली पुलिस को आशंका है कि नेपाल में विस्फोटक सामग्री असंतुष्ट माओवादी विप्लव गुट पहुंचा रहा है। जबकि भारतीय खुफिया एजेंसियों के माथे पर बल विप्लव माओवादी के उत्तराखंड कनेक्शन की तलाश में पड़े हुए हैं। हालांकि खुफिया एजेंसियों का यह भी तर्क है कि उत्तर प्रदेश से लगी सीमा पर चौकसी बढऩे से उत्तराखंड को चुना गया।
शनिवार दोपहर उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से सटे नेपाल के (पकड़ी) लुम्बनी में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की सभा के पास विस्फोट की घटना के ठीक बाद उत्तराखंड के चम्पावत जिले से लगी नेपाल सीमा पर पुलिस ने विस्फोटक सामग्री बरामद की। हालांकि शारदा बैराज पर नेपाल ले जाए जा रहे 15 डेटोनेटर व बारूद की आठ छड़ें झोले में लेकर आने वाले की पहचान नहीं हो सकी। अब सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
इस घटना ने खुफिया एजेंसियों को सकते में डाल दिया तो नेपाल पुलिस की दिलचस्पी भी जांच पड़ताल में बढ़ गई। नेपाल पुलिस ने खुफिया एजेंसियों से जो इनपुट शेयर किया है उसके अनुसार नेपाल के तराई(उप्र से लगी सीमा) क्षेत्र में तीन-चार दिनों में 18 धमाके हुए हैं। इन धमाकों के मामले में आठ लोगों को नेपाल पुलिस ने हिरासत में लिया है।
उनसे पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर नेपाल पुलिस ने आशंका जताई है कि चुनाव का बहिष्कार करने वाले माओवादी नेता नेत्र विक्रम चंद्र की नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी(विप्लव गुट) का विस्फोट की घटनाओं में हाथ है। चूंकि उत्तराखंड के तराई में भी माओवादी गतिविधियां रही हैं ऐसे में नेपाल पुलिस ने विप्लव गुट के उत्तराखंड कनेक्शन की आशंका भी जता कर भारतीय खुफिया एजेंसियों के माथे पर बल डाल दिया है।
काली नदी में पानी घटने से बढ़ी घुसपैठ
उत्तराखंड से लगी 255 किमी नेपाल सीमा का विभाजन पहाड़ में काली नदी और मैदान में शारदा नदी करती है। नदियों में पानी घटने से अराजकतत्वों व तस्करों की घुसपैठ आसन हो जाती है। उत्तराखंड के रास्ते नेपाल में अधिकृत आवाजाही का महज एक ही मोटर मार्ग है जो बनबसा बैराज से होकर जाता है। जबकि शारदा बैराज से पैदल आवाजाही है। धारचूला में दो, सीतापुल, जौलजीवी. बलुवाकोट व पंचेश्वर में एक-एक झूलापुलों के अलावा पंचेश्वर से नाव से भी अधिकृत आवाजाही होती है। एसएसबी का सारा फोकस इन्हीं मार्गों पर रहता है। चोर रास्तों से आवाजाही की निगहबानी भी पर्वतीय व जंगल क्षेत्र होने से आसान नहीं रहता।
पुलिस अधीक्षक (चम्पावत) आरसी राजगुरु का कहना है कि सीमा पर विस्फोटकों की बरामदगी की जांच की जा रही है। अभी तक नेपाल पुलिस ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं मांगी है। अलबत्ता दोनों देशों के इनपुट को जांच का आधार बनाया गया है।
यह भी पढ़ें: शारदा बैराज पर पकड़ा विस्फोटक से भरा बैग