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रिजल्ट आने के दो महीने के बाद भी ग्राम प्रधानों को चार्ज नहीं मिल सका चार्ज nainital news

ग्राम पंचायतों में इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। रिजल्ट के दो माह बाद भी ग्राम प्रधानों को चार्ज नहीं मिल सका है। ब्लॉक से बस्ता तक नहीं मिला है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 25 Dec 2019 11:29 AM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 12:30 PM (IST)
रिजल्ट आने के दो महीने के बाद भी ग्राम प्रधानों को चार्ज नहीं मिल सका चार्ज nainital news
रिजल्ट आने के दो महीने के बाद भी ग्राम प्रधानों को चार्ज नहीं मिल सका चार्ज nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : ग्राम पंचायतों में इस बार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। रिजल्ट के दो माह बाद भी ग्राम प्रधानों को चार्ज नहीं मिल सका है। ब्लॉक से बस्ता तक नहीं मिला है। इस बस्ते में पंचायत के पुराने कार्यकाल समेत अन्य दस्तावेज होते हैं। मुहर तक ब्लॉक कार्यालय से उपलब्ध होती है। विकासखंड से प्रशासक का कब्जा नहीं हटने से हल्द्वानी के सभी साठ ग्राम प्रधान स्वतंत्र तौर पर काम नहीं कर पा रहे हैं। पूर्व में मांग उठाने के बावजूद कार्यभार नहीं मिलने से प्रधानों में नाराजगी है। डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह ने बताया कि कोरम पूरा न होने से जनपद में 329 प्रधान शपथ नहीं ले सके थे। जल्द इनकी शपथ की तारीख तय होगी। उसके बाद बैंक में हस्ताक्षर का मिलान कराकर चार्ज दे दिया जाएगा।

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32 ग्राम प्रधान अब तक शपथ नहीं ले सके

पंचायत चुनाव का परिणाम 21 अक्टूबर को आया था। हालांकि बड़ी संख्या में वार्ड मेंबर के पद रिक्त होने से 32 ग्राम प्रधान अब तक शपथ नहीं ले सके हैं। केवल 28 प्रधानों ने खुली बैठक आयोजित करने के साथ शपथ ली। लेकिन प्रशासक की भूमिका की वजह से इन्हें भी बस्ता नहीं मिल सका है। नवनिर्वाचित इन ग्राम प्रधानों का कहना है कि प्रथम बैठक होने के बावजूद वह ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने में असमर्थ है। मार्च में वित्तीय वर्ष खत्म होने से विकास कार्यों में भी दिक्कत आएगी।

बस्ते में होगा पहले हुए कामों का जिक्र

ब्लॉक से मिलने वाले इस बस्ते में ग्राम पंचायत का पूरा रिकॉर्ड रहता है। पिछले पांच साल के कार्यकाल में क्या काम हुआ, कितना बचा, कितना बजट खर्च हुआ। राज्य व 14वें वित्त का ब्यौरा, चेकबुक, पासबुक के अलावा स्टॉक रजिस्टर भी होता है। रजिस्टर में ग्राम पंचायत को उपलब्ध सामान का ब्यौरा होता है। मुहर के अलावा खुली बैठक के रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए अलग से रजिस्टर होता है। आचार संहिता लगने पर बस्ता जमा हुआ था।

दो माह से बनी है असमंजस की स्थिति

मनीष आर्य, प्रधान, बजूनिया हल्दू ने बताया कि ग्रामीणों की तमाम तरह की समस्याएं है। लेकिन फुल चार्ज न मिलने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दो माह से असमंजस की स्थिति है। हरिपुर पूर्णानंद के पधान सचिन कुमार ने बताया कि सोलर लाइट लगाने के अलावा गूलों की मरम्मत का प्रस्ताव ग्रामीणों ने रखा है। अब उनकी मांग किसके पास रखें, क्योंकि हमारे पास पावर हीं नहीं। धौलाखेड़ा की प्रधान संजना सोनकर का कहना है कि जिन ग्रामसभा का कोरम पहले से पूरा है, उन्हें तो चार्ज मिलना चाहिए था। रिकॉर्ड देखने पर पता चलता कि ग्राम पंचायत की स्थिति क्या है। उस हिसाब से आगे काम करते। आनंदपुर की प्रधान कुसुम बोहरा का कहना है कि फुल चार्ज न होने से हर काम के लिए ब्लॉक के अधिकारियों से गुहार लगानी पड़ रही है। परिणाम आए दो माह बीत चुके हैं। विकासखंड प्रशासक के नियंत्रण से हटना चाहिए।

निहाल के लिए मुहर लगा दो

फतेहपुर क्षेत्र का एक ग्रामीण मंगलवार को ब्लॉक कार्यालय पहुंचा। उसे निहाल नदी से हक-हकूक का परमिट लेने के लिए मुहर की जरूरत थी। पर प्रधान के पास मुहर न होने से मामला अटक गया। बाद में ब्लॉककर्मियों ने मुहर लगाई।

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