Uttarakhand Lockdown Day 7 : लॉकडाउन के कारण कम हो गए घरेलू हिंसा के मामले
कोरोना को लेकर लॉकडाउन क्या हुआ घरेलू हिंसा के मामले ही गायब हो गए हैं। 22 मार्च से वन स्टॉप सेंटर में एक भी घरेलू हिंसा का मामला नहीं पहुंचा
हल्द्वानी, गणेश जोशी : कोरोना को लेकर लॉकडाउन क्या हुआ, घरेलू हिंसा के मामले ही गायब हो गए हैं। 22 मार्च से वन स्टॉप सेंटर में एक भी घरेलू हिंसा का मामला नहीं पहुंचा, जबकि हर माह 14 से अधिक मामले आते थे। यहां तक कि महिला हेल्पलाइन नंबर पर भी किसी ने फोन नहीं किया। वन स्टॉप सेंटर की प्रबंधक सरोजनी जोशी भी अचानक आए इस तरह के बदलाव को लेकर आश्चर्य में है। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों का पूरा ध्यान कोरोना वायरस से बचाव की ओर चला गया है। अगर कोई झगड़े का कोई मामला हो भी गया तो लॉकडाउन की वजह से सेंटर तक पहुंचना संभव भी नहीं है।
ये हैं आंकड़े
वर्ष 2020 में ही घरेलू हिंसा के केवल वन स्टॉप सेंटर में ही जनवरी में 14, फरवरी में 10 और 21 मार्च तक 14 मामले आ चुके थे। इन तीन महीनों में 30 दंपतियों की मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग हुई थी। पति-पत्नी के इस तरह के झगड़े के लिए 23 ने कानून सलाह लेने के लिए संपर्क किया था। सरोजनी जोशी, प्रबंधक, वन स्टॉप सेंटर ने कहा कि वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे थे, लेकिन जब से लॉकडाउन हुआ। एक भी मामला सामने नहीं आया। आश्चर्य की बात यह है कि फोन भी नहीं आया। जबकि हम ऐसे लोगों की मदद करने के लिए तैयार हैं।
इस तरह के थे ज्यादा मामले
- पति शराब पीकर आते हैं और मारपीट करते हैं
- ऑफिस से थककर आते हैं, पत्नी ताने सुनाती हैं
- पता नहीं मेरा पति किसके चक्कर में पड़ा रहता है
- सास-ससुर ताने सुनाते हैं पति भी सहयोग नहीं करते
- अक्सर मुझे किसी न किसी बात पर परेशान करते-रहते हैं
मामले सुलझने की ये हो सकती है वजह
- शराब पीकर आने की समस्या कम होना
- पति बाहर ही नहीं जा सकता है वो की समस्या न होना
- दपंती को एक-दूसरे को समझने का मौका मिल रहा होगा
- बच्चों के साथ अधिक समय व्यतीत हो रहा है
- कोरोना बीमारी की ओर से ही पूरा ध्यान चला जाना
- पति भी पत्नी की दिनभर के काम को देखते होंगे
संवाद बढने से कम हुए मामले
डॉ. युवराज पंत, मनोवैज्ञानिक, एसटीएच ने बताया कि पति-पत्नी के रिश्ते में लॉकडाउन के सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह का असर देखने को मिल सकता है। लंबे समय तक साथ रहने से बाद में इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को भी मिल सकता है, लेकिन इसके सकारात्मक पहलू भी है। काउंसलिंग में भी हम लोग इसे देखते हैं। पति-पत्नी, सास-ससुर व परिवार के अन्य सदस्यों के बीच तनाव की वजह संवादहीनता रहती है। एक-दूसरे के मत अलग-अलग होना है। जब सभी साथ रह रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि संवाद बढ़ गया होगा। संवाद बढऩे से आधी से ज्यादा समस्या खत्म हो जाती है। इसलिए लॉकडाउन के चलते ऐसे घरेलू हिंसा के मामले कम हो गए होंगे।
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