दो दिव्यांग बेटियों की डोली उठने में आड़े आ रही आचार संहिता
दिव्यांग परिजनों की दो बेटियों की शादी बड़ी मुश्किलों से तय हो पाई है। ऐसे में बारात की तारीख नौ अप्रैल यानी चुनाव से ठीक दो दिन पहले की है।
रुद्रपुर, जेएनए : दिव्यांग परिजनों की दो बेटियों की शादी बड़ी मुश्किलों से तय हो पाई है। ऐसे में बारात की तारीख नौ अप्रैल यानी चुनाव से ठीक दो दिन पहले की है। ऐसे में गरीबी के चलते बारात के रुकने की व्यवस्था नजदीक के ही एक प्राथमिक विद्यालय में की गई है। लेकिन जिला प्रशासन चुनाव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बारात की इजाजत नहीं दे रहा है। जिससे दो गरीब बेटियों की शादी चुनावी जाल में उलझ गई है।केंद्रीय विकलांग कल्याण परिषद के अध्यक्ष सलीम खान ने कलक्ट्रेट में एडीएम जगदीश चंद्र कांडपाल से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि वह दिव्यांग लोगों को साथ मिलाकर एक परिवार की तरह रहते हैं। पूरा परिवार शादी की तैयारी कर चुका है।
परिषद की महिला अध्यक्ष सुषमा मंडल ने बताया कि परिवार की दो बेटियों की शादी बड़ी मुश्किल से तय हुई है, जिसमें कम खर्च के चलते बारात रुकने का प्रबंध पास के ही प्राथमिक विद्यालय में किया गया है।नौ अप्रैल की शादी के चलते प्रशासन से सहयोग के उम्मीद है। जिससे दोनों गरीब बेटियों की शादी सकुशल संपन्न हो जाए। पर एडीएम जगदीश चंद्र कांडपाल ने कहा कि चुनाव के समय प्राथमिक विद्यालय में परमिशन देना मुश्किल है। इसके लिए उन्होंने फाइल एसडीएम के पास भेज दी। एडीएम जेसी कांडपाल के अनुसार आचार संहिता के दौरान विद्यालय में बारात नहीं रोकी जा सकती है। शादी के कार्यक्रम में राजनैतिक लोग भी आते हैं, ऐसे में सरकारी विद्यालय के बजाए अन्य कोई रास्ता तलाश करना होगा। इस बारे में अंतिम निर्णय एसडीएम को लेना है।
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