बंद कमरों में अलाव और हीटर जलाना हो सकता है जानलेवा, बरतें ये सावधानी nainital news
सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के जतन करेंगे। कमरों को गर्म रखने के लिए अलाव अंगीठी और हीटर जैसे उपकरण जलाए जाएंगे।
नैनीताल जेएनएन : सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के जतन करेंगे। कमरों को गर्म रखने के लिए, अलाव, अंगीठी और हीटर जैसे उपकरण जलाए जाएंगे। लेकिन कमरों को गर्म रखने के लिए ये जतन आपके लिए जानलेवा भी हो सकते हैं। आप ऐसा करते हैं तो अलर्ट रहें। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कॉर्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित होता है। अंगीठी ही नहीं, इस तरह का खतरा रूम हीटर से भी हो सकता है।
कम हो जाता है कमरे में आक्सीजन का लेवल
कोयला या अलाव जलाने से कार्बन के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं। कोयला बंद कमरे में जल रहा हो, तो इससे एन्वायरनमेंट में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन, ब्रेन पर सीधे असर डालता है और सांसों के जरिए बॉडी के अंदर भी पहुंचता है। ब्रेन पर असर होने से कमरे में सोया कोई भी इंसान बेहोश हो सकता है। ब्लड में यह कार्बन घुलकर धीरे-धीरे ऑक्सीजन को कम कर देता है। बंद कमरे में लंबे समय तक ब्लोअर या हीटर जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है और नमी का लेवल कम हो जाता है। इस वजह से नॉर्मल लोगों को भी सांस संबंधी समस्या हो सकती है। अगर आप हीटर का प्रयोग करते हैं, तो कमरे में एक बाल्टी पानी रखें, जिससे कुछ हद तक नमी बनी रहे।
इस वजह से चली जाती है जान
हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। गर्मी से धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा होने लगता है। यह जहरीली गैस सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और बेहोशी छाने लगती है और इंसान की मौत हो जाती है। अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं, क्योंकि ज्यादा लोग होने से कमरे में ऑक्सीजन की और कमी हो जाती है।
यह बरतें सावधानी
अगर आप ब्लोअर या हीटर का प्रयोग करते हैं तो इसे थोड़े समय के लिए ही करें। इससे एक ओर कमरे की नमी बनी रहेगी और आपके शरीर को भी नमी मिलती रहेगी। गर्म कमरे से अचानक बाहर जाने पर भी बीमार पड़ सकते हैं, इसलिए बाहर जाने से पहले यानी हीटर से अलग हटकर कुछ देर समय बीता लें, तब बाहर जाएं।
अंगीठी जलाने से पहले रहें अलर्ट
- घर में वेंटिलेशन हो तभी अलाव, हीटर या ब्लोअर चलाएं
- अलाव जलाकर उसके पास न सोएं
- साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें
- आग जलाएं तो जमीन पर सोने से बचें
- घर में अगर कोई बच्चा हो, तो आग न जलाएं तो ज्यादा बेहतर है
- यदि रात में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं, तो इनके करीब प्लास्टिक, कपड़े, केमिकल्स न हो
- ढीले प्लग, कटे तार से भी हादसा हो सकता है
अंगीठी की गैस से दो युवक बेहोश
अल्मोड़ा के ताकुला ब्लॉक के बसोली में दो युवक कोयले की गैस से बेहोश हो गए। सूचना मिलते ही उनके साथी उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए। जहां पर चिकित्सकों द्वारा उनका उपचार किया जा रहा है। बसोली में स्थित महेंद्रा एंड महेंद्रा के रिसोर्ट में कार्यरत छानी बागेश्वर निवासी सुरक्षा कर्मी विरेंद्र सिंह पुत्र करम सिंह एवं डोटियाल गांव निवासी जगत सिंह पुत्र जैत सिंह गुरुवार को रात अपनी ड्यूटी में तैनात थे। गुरुवार के दिन सुबह से ही बारिश होने के कारण तापमान काफी गिर गया था। ठंड से बचने व अपने कमरों का तापमान सामान्य करने के लिए उन्होंने अपने कमरों में कोयले की अंगीठी जला वहीं कक्ष को बंद पूरी तरह बंद कर दिया। इस दौरान अंगीठी से निकलने वाली गैस से वह बेहोश हो गए। महेंद्रा एंड महेंद्रा के एचआर मैनेजर अनिल शर्मा ने बताया कि सुबह जब ड्यूटी चेंज होनी थी तब उन्हें पता लगा कि दोनों कोयले की गैस लगने से बेहोश हो गए हैं। आनन फानन में साथियों की मदद से उन्हें ताकुला स्वास्थ्य केंद्र दिखाया गया जहां से उन्हें अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया। जिसके बाद उन्हें यहां अल्मोड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां पर उनका उपचार किया जा रहा है।
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