गुरु व शुक्र ने साथ तय किया रात का अंतिम पहर
13 नवंबर को आसमान में खुबसूरत खगोलीय घटना हुई। इस दिन ग्रह शुक्र व बृहस्पति एक दूसरे के बहुत करीब आ गए थे।
नैनीताल, [जेएनएन]: दूर गगन में भोर से पूर्व हमारे सौर परिवार के दो खूबसूरत ग्रह शुक्र व बृहस्पति(गुरु) का मिलन यादगार बन गया। दोनों ग्रहों ने रात्रि के अंतिम पहर का सफर साथ-साथ तय किया। वहीं दूर आसमान में चांद भी इस सुंदर खगोलीय घटना का गवाह बना। आधा डिग्री से भी कम फासले पर यह दोनों एक दूसरे के निकट पहुंचे।
सोमवार को सूर्य उदय होने को था और शुक्र व बृहस्पति एक दूसरे के बेहद करीब आ पहुंचे थे। दोनों ही भोर की लालिमा में अपनी चमक बिखेरते नजर आ रहे थे। शुक्र ऊपर की ओर था और उससे नीचे की तरफ कुछ ही दूरी पर बृहस्पति था। इन दोनों को देख प्रतीत हो रहा था, मानो एक दूसरे से मिलने के लिए आतुर हों।
क्षीतिज से लगभग 12 डिग्री ऊपर यह दोनों विद्यमान थे। सूरज के पौ फटने के साथ ही इन दोनों की निराली छटा और भी निखर गई थी। इस अद्भुत खगोलीय घटना का आनंद उठाने के लिए खगोल प्रेमी व वैज्ञानिक गवाह बने।
इस खूबसूरत घटना को करीब एक घंटा देखा जा सका। जैसे-जैसे सूर्य की किरणों ने चमक बिखेरना शुरू किया तो यह दोनों ही आंखों से ओझल हो गए। इस खगोलीय घटना में भले ही दोनों ही ग्रह आभाषीय रूप से एक दूसरे के बेहद करीब नजर आ रहे हों, लेकिन हकीकत में इन दोनों के बीच का फासला करोड़ों किमी का था।
भारतीय तारा भौतिकी संस्थान बंगलूरू के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक प्रो. आरसी कपूर के अनुसार यह दोनों हमारे सौर परिवार के सर्वाधिक चमकीले ग्रह होने के कारण हमेशा आकर्षण में रहते हैं। संयोग से इन दोनों का एक दूसरे के करीब आना अनूठी खगोलीय घटनाओं में एक है। अगले कुछ दिनों तक यह दोनों एक दूसरे के साथ अपना सफर तय करेंगे, लेकिन इनके बीच फासला बढ़ता चला जाएगा।
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