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रामलीला में दशरथ का किरदार निभाने वाले बंशीधर भगत बने उत्‍तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष

धैर्य अनुशान और निष्‍ठा का मान रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के संगठन की बागडोर सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कालाढूंगी विधानसभा से विधायक बंशीधर भगत को सौंपी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 04:46 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 04:46 PM (IST)
रामलीला में दशरथ का किरदार निभाने वाले बंशीधर भगत बने उत्‍तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष

हल्‍द्वानी, जेएनएन : धैर्य, अनुशान और निष्‍ठा का मान रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के संगठन की बागडोर सूबे के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कालाढूंगी विधानसभा से विधायक बंशीधर भगत को सौंपी है। भारत रत्‍न स्‍वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी से प्रेरित होकर राजनीति में कदम रखने वाले भगत प्रदेश की राजनीति में अलग पहचान रखते हैं। पार्टी ने उन्‍हें जब भी जो जिम्‍मेदारियां सौंपी, पूरी प्रतिबद्धा से उनका निर्वहन किया। जनान्‍दोलनों से राजनीति का ककहरा सीखने वाले भगतदा ने ग्राम प्रधान से लेकर प्रदेश अध्‍यक्ष तक का सफर तय किया है। जानकर अचरज होगा कि भगतदा रामलीला में विगत 40 वर्षों से राजा दशरथ कर किरदार अदा करते आ रहे हैं। जिस दिन उनका मंचन होता है, पूरा परिसर दर्शकों से भरा होता है। परशुराम और अंगद आदि पात्रों को भी वे मंच पर जीवंत कर चुके हैं।

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दशरथ के रूप में दर्शकों को जमते हैं भगतदा

नवनिर्वाचित प्रदेश अध्‍यक्ष बंशीधर भगत का कहना है दशरथ का अभिनय करते हुए उन्हें जनता व प्रजा का संबंध नजर आता है। वहीं क्षेत्रीय जनता का भी कहना है-अगर जनप्रतिनिधि इस तरह से आम जनता के आयोजनों में अभिनय करने के लिए आते हैं तो एक सीधा संबंध बनता है। विधायक भगत दशरथ के रूप में रामलीला में दर्शकों को खूब भाते भी हैं। भगतदा कहते हैं कि अपनी संस्कृति और लोगों के बीच रहकर ऊर्जा मिलती है। कैबिनेट मंत्री रहने के दौरान भी वे दशरथ का किरदार अदा करने के लिए आए थे। निरंतर जनता से जुड़ाव का ही नतीजा रहा है कि छह बार विधायक की कुर्सी पर काबिज रहे।

पार्टी के निर्देशों को रखा सर्वोपरि

2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश में शानदार सफलता हासिल की। बंशीधर भगत भी लगातार दूसरी बार कालाढूंगी क्षेत्र से विधायक बने। तब पार्टी के सबसे वरिष्‍ठ और पुराने सिपहसालार होने के कारण कयास लगाए जाने लगे कि मुख्‍यमंत्री के रेस में भगतदा भी हैं। लेकिन तब उन्‍हें कैबिनेट तक में जगह नहीं मिली। फिर भी भगतदा ने धैर्य नहीं खोया। पिछले साल हुए आम चुनाव में भी पार्टी के सामने उन्‍होंने नैनीताल-ऊधमसिंहनगर संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की इच्‍छा जाहिर की। तब वर्तमान सांसद अजय भट्ट बाजी मार ले गए। वित्‍तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुए मंत्रालय की जिम्‍मेदारी मिलने की चर्चा भी होने लगी। फिर भी भगतदा ने धैर्य नहीं खोया। नतीजा पार्टी ने उनके अनुशासन और निष्‍ठा का सम्‍मान अब किया।

 

जनान्‍दोलनों में तपकर बने नेता   

बंशीधर भगत पूर्व प्रधानमंत्री स्‍वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी से प्रेरित होकर 1975 में जनसंघ से जुड़े। 1982 में हल्‍द्वानी ब्‍लॉक में किसनों की समस्‍याओं को लेकर किसान संघर्ष समिति के अध्‍यक्ष चुने गए। उन्‍हीं के नेतृत्‍व में जमरानी बांध को लेकर जनान्‍दोलन हुआ। रामजन्‍मभूमि आंदोलन में भागीदारी को लेकर 23 दिनों तक अल्‍मोड़ा जेल में रहे। 1984 में पनियाली गांव के प्रधान चुने गए। 1988 से 1991 तक हल्‍द्वानी क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अध्‍यक्ष रहे।

पहली बार उत्‍तर प्रदेश विधासभा नैनीताल से बने विधायक

1989 में नैनीताल जिले (वर्तमान नैनीताल-ऊधमसिंहनगर) के भाजपा के अध्‍यक्ष बने। 1991 में उत्‍तर प्रदेश के नैनीताल विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए। 1993 में दूसरी बार 1996 में तीसरी बार नैनीताल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए।

उत्‍तर प्रदेश सरकार में पहली बार बने कैबिनेट मंत्री

1996 में उत्‍तर प्रदेश सरकार में खाद्दय रसद राज्‍य मंत्री, पर्वतीय विकास मंत्री, वन राज्‍यमंत्री का कार्यभार वहन किया। नवंबर 2000 में नव सृजित उत्‍तरांचल राज्‍य में कृषि, सहकारिता दुग्‍ध, पशपालन गन्‍ना कैबिनेट मंत्री के दायित्‍व का निर्वहन किया। 2007 में हल्‍द्वानी विधानसभा से क्षेत्र से चौथी बार जीत कर उत्‍तराखंड सरकार में वन एवं वन्‍यजीव, पर्यावरण, जलागम प्रबंधन सहकारिता स्‍वास्‍थ्‍य, औद्योगिक विकास एवं परिवहन कैबिनेट मंत्री पद पर सफल कार्य निर्वाह किया।

2012 में नवसृजित कालाढूंगी क्षेत्र से बने विधायक

2012 में नवसृजित कालाढूंगी विधानसभा चुनाव में विजय हुई। वर्ष 2013, 2014 और 2014-15 में विधानसभा के लोकलेखा समिति के अध्‍यक्ष चुने गए। 2017 में कालाढूंगी विधानसभा से पुन: जीत हासिल कर वर्तमान में विधानसभा के प्रतिनिहित विधायन समिति के अध्‍यक्ष पद पर कार्यकर रहे हैं। धार्मिक क्षेत्र में कार्य करते हुए ऊंचापुल ग्रामीण रामलीला कमेटी के अध्‍यक्ष पद रहे हैं। रामलीला मंचन में रुचि कि चलते हर वर्ष दशरथ का किरदार अदा करते हैं।   

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