Move to Jagran APP

coronavirus : उत्तराखंड में स्प्रे या टनल से क्लोरीन, एल्कोहल व लाइजॉल के छिड़काव पर रोक

उत्तराखंड के स्वास्थ्य महकमे ने स्प्रे या टनल से क्लोरीन एल्कोहल व लाइजॉल के छिड़काव पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य महकमे के इस फैसले पर चिकित्सक सहमत हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 09:14 AM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 09:14 AM (IST)
coronavirus : उत्तराखंड में स्प्रे या टनल से क्लोरीन, एल्कोहल व लाइजॉल के छिड़काव पर रोक

हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड के स्वास्थ्य महकमे ने स्प्रे या टनल से क्लोरीन, एल्कोहल व लाइजॉल के छिड़काव पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य महकमे के इस फैसले पर चिकित्सक सहमत हैं। क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन या इंडियन काउंलिस ऑफ मेडिकल रिसर्च में इनके छिड़काव से कोरोना संक्रमण को रुकने के कोई प्रमाण नहीं हैं।इस समय शहर से लेकर गांव तक सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है। इसके लिए सोडियम हाइपोक्लोराइड का प्रयोग किया जा रहा है।

loksabha election banner

इसके अलावा टनल से गुजारकर सेनिटाइज किया जा रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सोडियम हाइपोक्लोराइड का केवल निर्जीव वस्तुओं पर ही छिड़काव किया जाना चाहिए। सड़क, दीवार, गेट व फर्श के अलावा अन्य सजीव चीजें, यहां तक कि पेड़-पौधों में इसका छिड़काव घातक है। इससे पेड़-पौधों पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा मनुष्य की त्वचा व आंखों पर भी सोडियम हाइपोक्लोराइड का प्रतीकूल प्रभाव पड़ सकता है।

वहीं सरकार व प्रशासन के सेनिटइजेशन के निर्णय की वजह से कोई इसका खुलकर विरोध व्यक्त नहीं कर रहा था। वहीं राज्य के स्वास्थ्य महकमे के अपर सचिव युगल किशोर पंत ने आदेश जारी कर एल्कोहल, क्लोरीन व लाइजाल के स्प्रे या छिड़काव पर रोक लगा दी है। इसके पीछे विश्व स्वास्थ्य संगठन की जारी गाइड लाइन को आधार बनाया गया है। इस गाइडलाइन में कोविड 19 संक्रमण पर नियंत्रण इन केमिकल के छिड़काव से रुकने का कोई आधार नहीं है।

जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

जीएस तितियाल, नेत्र रोग विशेषज्ञ, एसटीएच क्लोरीन का अत्यधिक प्रयोग से आंख का लाल होना, खुजली, दर्द आदि समस्याएं हो सकती हैं। स्वास्थ्य महकमे ने क्लोरीन आदि केमिकल के स्प्रे व टनल में प्रयोग करने पर रोक लगा दी है। एसआर सक्सेना, वरिष्ठ फिजिशियन, एसटीएच ने बताया विश्व स्वास्थ्य संगठन या इंडियन काउंलिस आॅफ मेडिकल रिसर्च ने एल्कोहल, क्लोरीन व लाइजाल छिड़काव से कोविड 19 संक्रमण पर नियंत्रण होने का कोई आधार या प्रमाण नहीं दिया है। हालांकि पेयजल व स्विमिंग पूल में इन केमिकल का प्रयोग किया जाता है। सही अनुपात में केमिकल मिलाने पर ही इसके दुष्परिणाम सामने नहीं आते हैं।

यह भी पढें

उत्तराखंड के हॉटस्पॉट बनभूलपुरा में बवाल, हजारों लोग सड़क पर उतरे, म‍िल चुके हैं दस कोरोना पॉजीटि‍व

गुरुग्राम से बाइक से आए दंपित ने पुलिस से पिता की मौत का बनाया बहाना, 14 दिन के लिए दोनों क्वारंटाइन 

जिस बस्ती में दस जमाती कोरोना पॉजिटिव मिले, वहां हजारों लोग सड़कों पर जुटे

हंगामे की सूचना पर अपने थाने-चौकी छोड़े, बनभूलपुरा के लिए दौड़े


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.