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समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित संयुक्त निदेशक नौटियाल की गिरफ्तारी तय

हाई कोर्ट ने राज्य के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारी गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी से रोक हटा दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 02:25 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 08:44 PM (IST)
समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित संयुक्त निदेशक नौटियाल की गिरफ्तारी तय
समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपित संयुक्त निदेशक नौटियाल की गिरफ्तारी तय

जेएनएन, नैनीताल : हाईकोर्ट ने राज्य के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में सुनवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के अधिकारी गीताराम नौटियाल की गिरफ्तारी से रोक हटा दी है। साथ ही राष्ट्रीय जनजाति आयोग के गिरफ्तारी पर रोक से संबंधि आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने नौटियाल पर न्यायिक कार्यों को प्रभावित करने पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है, जो उनको दो सप्ताह में जमा करना है। पिछली तिथि को कोर्ट ने निर्णय नहीं आने तक उनको गिरफ्तार नहीं करने और उनसे एसआईटी के साथ जाँच में सहयोग करने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में मामले की सुनवाई हुई।

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पूर्व में छात्रवृत्ति घोटाले में आरोपी पूर्व समाज कल्याण अधिकारी व वर्तमान संयुक्त निदेशक समाज कल्याण अधिकारी गीताराम नौटियाल ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और दोनों ही कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद नौटियाल पर एसआईटी ने एफआईआर दर्ज की।  एफ आई आर दर्ज होने के बाद  नौटियाल ने एससी- एसटी आयोग में अपना उत्पीड़न होने का मामला दर्ज कराया और कहा कि एसआईटी उनका पूछताछ के नाम पर उत्पीड़न कर रही है। जिसके बाद आयोग ने नौटियाल पर कार्रवाई न करने के आदेश दिए।

आयोग के इस आदेश को हरिद्वार के पंकज कुमार ने  हाईकोर्ट में  जनहित याचिका दायर कर चुनौती देते हुए कहा कि आयोग को मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है लिहाजा इन पर कार्रवाई जारी रखी जाय है ।जबकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है और आयोग अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर न्यायिक प्रक्रिया में व्यवधान पैदा कर रहा है ।इस आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए। जबकि घोटाले की जांच को लेकर दूसरी जनहित याचिका 

राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान की विचाराधीन है। जिसमे कहा गया है  कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रूपये का घोटाला किया गया है जबकी 2017 में इसकी जांच के लिए पुर्व मुख्यमन्त्री द्वारा एसआईटी गठित की गयी थी और तीन माह के भीतर जांच पूरी करने को भी कहा था परन्तु इस पर आगे की कोई कार्यवाही नही हो सकी साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए।

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