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शौका समाज की रंगयात्रा में दिखी जोहार संस्कृति की अद्भुत झलक

परंपरागत वेशभूषा में लोक वाद्यों की धुन के साथ शौका समाज के लोग रंगयात्रा में निकले तो जोहार की संस्कृति की अद्भुत झलक देखकर हर कोई मोहित हो गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 02:14 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 02:14 PM (IST)
शौका समाज की रंगयात्रा में दिखी जोहार संस्कृति की अद्भुत झलक

नैनीताल (जेएनएन) : परंपरागत वेशभूषा में लोक वाद्यों की धुन के साथ शौका समाज के लोग रंगयात्रा में निकले तो जोहार की संस्कृति की अद्भुत झलक देखकर हर कोई मोहित हो गया। मौका था जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजित नौवें जोहार महोत्सव का। शनिवार को एमबी इंटर कॉलेज ग्राउंड में दैंणा होया खोली का गणेशा हो, दैंणा होया पंचनाम देवा हो...आध्यात्मिक लोकगीत के साथ मुख्य अतिथि एसएसबी से सेवानिवृत्त आइजी डॉ. मंगल सिंह मर्तोलिया ने महोत्सव का शुभारंभ किया।

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सांस्कृतिक कार्यक्रमों से पूर्व शौका समाज के लोगों ने रंगयात्रा निकालकर जोहारी व शौका संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। छलिया नृत्य के साथ आयोजन स्थल से आरंभ हुई सांस्कृतिक रंगयात्रा दो नहरिया से वापस एमबी इंटर कॉलेज ग्राउंड पहुंची। महिलाओं व पुरुषों ने परंपरागत वेशभूषा में रंगयात्रा में भाग लिया। इसके बाद ग्राउंड में बनाए गए मंच पर जोहारी महिलाओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रमों का आगाज किया। इस मौके पर जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसायटी के संरक्षक गजेंद्र सिंह पांगती ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण के लिए जरूरी है कि हम अपनी बोली, भाषा, खान-पान और संस्कृति को अपनाएं। मुख्य अतिथि डॉ. मंगल सिंह मर्तोलिया ने कहा कि शौका समाज के उत्थान के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।

महोत्सव में सुबह के समय हुए प्रथम सत्र में एकल व समूह गायन, नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। लोकगायक स्व. पप्पू कार्की को कलाकारों ने श्रद्धांजलि व्यक्त की गई। साथ ही सायंकालीन सत्र में संस्कृति विभाग के कलाकारों ने लोकनृत्य प्रस्तुत किए। छितकू-हिवांल सांस्कृतिक दल दरकोट मुनस्यारी के कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह धर्मशक्तू, भूपेंद्र सिंह पांगती, सीएस मर्तोलिया सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

मीट-भात के स्टॉल पर लगी भीड़ : महोत्सव में जोहार शौका समाज के सबसे पसंदीदा व्यंजन मीट-भात, दाल-चावल, हरी सब्जी-रोटी के स्टॉल पर लोगों की खूब भीड़ रही। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी परंपरागत भोज का आनंद लिया। महोत्सव में आए एडीएम हरबीर सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट पंकज उपाध्याय सहित महोत्सव की सुरक्षा व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मी भी लजीज व्यंजनों की महक के बीच अपने आपको भोजन करने से नहीं रोक पाए।

खूब बिके गर्म कपड़े : जोहारी शौका समाज ऊनी कपड़ों के कारोबार से जुड़ा रहा है। शौका कुटीर उद्योग में तैयार किए गए ऊनी स्वेटर, जैकेट, टोपी, मफलर लोगों को खूब पंसद आए। दन, दरी, कंबल, पंखी जैसे हस्तनिर्मित उत्पादों की महोत्सव में पहले दिन अच्छी बिक्री हुई।

मुनस्यारी की राजमा के दीवाने हुए लोग : शहर में बस चुके लोगों ने धारचूला, मुनस्यारी की राजमा का स्वाद लेने के लिए शनिवार को महोत्सव का रुख किया। सफेद रंग की विशेष किस्म की राजमा का स्वाद लोगों की जुबां पर है। जिसे लोग पहाड़ से दूर होने के बाद भी नहीं भूले। 50 से लेकर सौ, डेढ़ सौ रुपये के राजमा के पैकेट हाथों हाथ बिके। इसके अलावा उच्च हिमालयी क्षेत्र में होने वाली जड़ी-बूटियों की अच्छी बिक्री हुई।

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