Avalanche in Uttarakhand : नंदा देवी पर्वतारोहण के दौरान हुई थी 8 की मौत, चला था सबसे लंबा रेस्क्यू अभियान
Avalanche in Uttarakhand उत्तरकाशी के द्राेपदी का डांडा में आए एवलांच ने 3 साल पहले 2019 में पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में नंदा देवी पर्वतचोटी पर एवलांच (Avalanche in Nanda Devi) की याद ताजा कर दी है। तब सात पर्वतारेाहियों के शव बरामद किए गए थे।
राजेश वर्मा, हल्द्वानी। Avalanche in Uttarakhand : उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा में आए एवलांच (avalanche in Draupadi Danda) में चार पर्वतरोहियों की मौत हो गई है, जबकि 26 अभी तक लापता है। ये पर्वतारोही 23 सितंबर को रवाना हुए थे, मगर 4 अक्टूबर को हिमस्खलन (avalanche) की चपेट में आ गए। एवलांच की इस घटना ने करीब 3 साल पहले 2019 में पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में नंदा देवी पर्वतचोटी पर एवलांच (Avalanche in Nanda Devi) की याद ताजा कर दी है। तब इस घटना में करीब एक महीनेे तक चले रेस्क्यू अभियान के बाद सात पर्वतारेाहियों के शव बरामद किए गए थे। एक पर्वतरोही का अब तक पता नहीं चल सका है।
ये थी घटना
13 मई 2019 को मुनस्यारी से नंदा देवी ईस्ट आरोहण के लिए 12 पर्वतारोहियों का दल रवाना हुआ था। इस दल में ब्रिटेन, अमेरिका, आस्ट्रेलिया के साथ ही भारतीय पर्वतारोही भी थे। इनके साथ इंडियन माउंटेनयरिंग फेडरेशन के पीआरओ चेतन पांडेय भी थे। सभी पर्वतारोही आगे बढ़ रहे थे कि इसी बीच एक पर्वतारोही की तबीयत खराब हो गई और वह वापस लौट आया। इसके बाद एक 11 सदस्य और पीआरओ चेतन पांडेय का दल आगे बढ़ा। नंदा देवी ईस्ट का सफल आरोहरण करने के बाद जब सभी लाैटने लगे तो 26 मई 2019 को भयंकर एवलांच ने इन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान चार पर्वतारोही बेस कैंप तक पहुंच चुके थे, जबकि सात पर्वतारोही और आईएमएफ चेतन पांडेय लापता हो गए।
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पांच दिन चला था पता
इस घटना के पांच दिन बाद 31 मई को हादसे में आठ सदस्यों के लापता होने और चार पर्वतारोहियों के सुरक्षित होने की सूचना एक पोर्टर ने प्रशासन को दी। इसके बाद चार पर्वतारोहियों को रेस्क्यू किया गया और लापता पर्वतारोहियों की तलाश शुरू की गई। इसमें सेना, आईटीबीपी के कुशल पर्वतारोहियों की भी मदद ली गई। 23 जून को आईटीबीपी के द्वितीय कमान अधिकारी और एवरेस्ट विजेता रतन सिंह सोनाल के नेतृत्व में 18 सदस्यीय हिमवीरों की टीम ने बर्फ में दबे सात पर्वतारोहियों के शवों को बरामद कर लिया। इसके बाद सभी शवों को पिथौरागढ़ लाया गया जहां से विदेशी पर्वतारोहियों के शव दिल्ली भेजे गए। एक पर्वतारोही का शव अब तक बरामद नहीं हो सका है।
Last visuals of the mountaineers' team near the summit on unnamed peak near the #NandaDevi east. ITBP search team of mountaineers found the memory video device at 19K ft while they were searching the area where bodies were spotted. pic.twitter.com/0BI87MEA8Y— ITBP (@ITBP_official) July 8, 2019
इन पर्वतारोही के मिले थे शव
- ब्रिटेन निवासी मार्टिन मोरिन
- ब्रिटेन निवासी जोन चार्लिस मैकलर्न
- ब्रिटेन निवासी रिचर्ड प्याने
- ब्रिटेन निवासी रूपर्ट वेवैल
- अमेरिका के एंथोनी सुडेकम
- अमेरिका के रोनाल्ड बीमेल
- आस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रूथ मैकंस
- इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन के पीआरओ चेतन पांडेय
इन्हें बचाया गया था
एवलांच आने के बाद हेलीकॉप्टर की मदद से जिन पर्वतराेहियों को बचाया गया था, उनमें इयान वेड, मार्क थॉमस, कैथरीन आर्मस्ट्रॉन्ग और जाचरी क्वैन थे।
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वीडियो भी आया था सामने
जो आठ सदस्य एवलांच की चपेट में आए थे, उनका एक वीडियो भी सामने आया था। वीडियो में सभी पर्वतारोही काफी सावधानी से चढ़ने की कोशिश करते दिखाए दे रहे थे। इन लोगों ने अपने हाथ में एक रस्सी पकड़ी हुई थी। यह वीडियो एक धमाके की आवाज के साथ खत्म होता है। उस समय आईटीबीपी के अधिकारियों ने बताया था कि ये आवाज हिमस्खलन की थी, जिसका वे शिकार हुए थे। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडे का कहना था कि जिस संकरे रास्ते को यह टीम पार कर रही थी वह बहुत ही खतरनाक था। उनका मानना था कि पर्वतारोहियों के वजन से कुछ बर्फ खिसक गई होगी, जिसने हिमस्खलन को जन्म दिया होगा। इस वीडियो को आईटीबीपी ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया था, जो आज भी आईटीबीपी के ट्विटर हैंडल मौजूद है।
सबसे लंबा रेक्क्यू अभियान
नंदा देवी में एवलांच के बाद चला रेस्क्यू अभियान अब तक का सबसे लंबा रेस्क्यू अभियान था, जो 24 दिनों तक चला था। एवलांच 26 मई 2019 को आया था। सूचना मिलने के बाद 31 मई को रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ और 7 शव मिलने के बाद 23 जून को इसे बंद कर दिया गया। खराब माैसम ने इसे इतना लंबा खींचा था।