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नैनीताल में बोले सतपाल महराज, उत्तराखंड में स्थापित होगी ललित कला अकादमी की शाखा

संस्कृति लोक निर्माण पर्यटन व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज मंगलवार को ललित कला अकादमी की ओर से नैनीताल क्लब में आयोजित राष्ट्रीय चित्रकला शिविर में बतौर मुख्‍य अतिथि शिरकत करने पहुंचे। शिविर को संबोधित करते हुए महराज ने कहा कि उत्तराखंड में ललित कला अकादमी की शाखा स्थापित की जाएगी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 21 Dec 2021 02:01 PM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 02:01 PM (IST)
नैनीताल में बोले सतपाल महराज, उत्तराखंड में स्थापित होगी ललित कला अकादमी की शाखा

नैनीताल, जागरण संवाददाता : संस्कृति, लोक निर्माण, पर्यटन व सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज मंगलवार को ललित कला अकादमी की ओर से नैनीताल क्लब में आयोजित राष्ट्रीय चित्रकला शिविर में बतौर मुख्‍य अतिथि शिरकत करने पहुंचे। शिविर को संबोधित करते हुए महराज ने कहा कि उत्तराखंड में ललित कला अकादमी की शाखा स्थापित की जाएगी। राज्य सरकार लोक संस्कृति, लोक कला संरक्षण को लेकर गंभीर है।

ढोल-दमाऊं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। महराज ने कहा कि ढोल वादक शुभ या लोकदेवता के कामकाज के बाद गुमनामी में चले जाते हैं। कला के संरक्षण में जुटे इन ढोल वादकों को बचाखुचा भोजन करना पड़ता है। चोट लगने पर भी वह वाद्य बजाना नहीं छोड़ते। सरकार ढोल वादकों को समाज के माध्यम से सम्मानित करेगी। ढोल वादक हमारे संदेशवाहक हैं।

नैनीताल हाईकोर्ट को शिफ्ट करने को लेकर सवाल पूछने पर महराज ने कहा कि ऐसा सरकार को कोई विचार नहीं है। इस मामले में अधिवक्ताओं की राय सर्वोपरि है। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर शिविर का शुभारंभ किया। साथ ही 19 करोड़ से अधिक की सड़कों, पर्यटन योजनाओं तथा सिंचाई विभाग के कार्यों का उद्घाटन व लोकार्पण किया। अपने संबोधन में महाराज ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, चित्रकार मौलाराम को याद करते हुए कहा कि गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की बदौलत देश आजाद हुआ।

उन्होंने कुमाऊंनी पिछोड़ा को भी अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाए जाने की पैरवी की। इस अवसर पर पूर्व मंत्री अमृता रावत, मुख्यमंत्री के पीआरओ दिनेश आर्य, भाजपा मंडल अध्यक्ष आनंद बिष्ट, कुंदन बिष्ट, ललित कला अकादमी चेयरमैन नंदलाल ठाकुर, आयोजक कुसुम पांडेय, मोहन पांडे, केएमवीएन एमडी एनएस भंडारी, जीएम एपी बाजपेयी, एसडीएम प्रतीक जैन, ऋचा कंबोज, हरीश भट्ट, भूपेंद्र बिष्ट, समेत अन्य उपस्थित थे। संचालन हेमंत बिष्ट ने किया।


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