Move to Jagran APP

चीन सीमा को जोडऩे वाले दारमा मार्ग में डामरीकरण के लिए पहुंची सामग्री

चीन सीमा से लगे दारमा घाटी में तिदांग तक बनी सड़क के डामरीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 06:10 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 06:10 PM (IST)
चीन सीमा को जोडऩे वाले दारमा मार्ग में डामरीकरण के लिए पहुंची सामग्री

धारचूला (पिथौरागढ़) : चीन सीमा से लगे दारमा घाटी में तिदांग तक बनी सड़क के डामरीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। कच्‍ची सड़क तीन साल पहले तैयार हो गई थी। डामरीकरण के लिए सामग्री दारमा पहुंच चुकी है। सड़क निर्माण की तैयारी को लेकर दारमा के चौदह गांवों में खुशी व्याप्त है। मोटर मार्ग पर डामरीकरण होने से एक दिन में ही धारचूला से पंचाचूली ग्लेशियर घूमकर वापस लौटा जा सकता है। उच्‍च हिमालयी बुग्‍याल में घूमने और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए भी सड़क मददगार साबित होगी।

loksabha election banner

सोबला से दारमा तक 40 किमी सड़क का निर्माण सीपीडब्ल्यूडी ने किया है। मार्ग के डामरीकरण के टेंडर तीन साल पहले लग चुके थे, लेकिन डामरीकरण का काम शुरू नहीं हो पाया था। इससे स्थानीय जनप्रतिनिधि खफा थे। बीते दिनों जिलाधिकारी डॉ. वीके जोगदंडे के दारमा भ्रमण के दौरान जनप्रतिनिधियों ने पहले के टेंडर निरस्त कर नए टेंडर जारी करने की मांग की थी। शुक्रवार से ठेकेदारों ने डामरीकरण के लिए सामग्री दारमा पहुंचानी प्रारंभ कर दी गई है। जल्दी प्लांट लगा कर डामरीकरण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। हालांकि बरसात का मौसम डामरीकरण में खलल डाल सकता है। इससे काम में देरी हो सकती है। इसी के साथ दारमा सड़क सीमा पर पहली डामर वाली सड़क हो जाएगी। 40 किमी मार्ग में 27 किमी मार्ग पर पूर्व से ही सोलिंग की जा चुकी है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्‍य मनोज नगन्याल ने इसके लिए जिलाधिकारी का आभार जताया है। उन्होंने डामरीकरण कार्य की गुणवत्ता के लिए प्रशासन द्वारा नियमित निगरानी किए जाने की मांग की है। मार्ग के पक्का होते ही धारचूला से एक ही दिन में पंचाचूली ग्लेशियर को देख कर पर्यटक वापस धारचूला पहुंच सकेगा।

होम स्टे वालों को मिलेगा फायदा

दारमा मार्ग बनने के बाद जिले में सर्वाधिक पर्यटक पंचाचूली ग्लेशियर पहुंंच रहे हैं। पंचाचूली ग्लेशियर पर्यटन के साथ ट्रेकिंग का सबसे अच्छा स्थल माना जाता है। जिसे लेकर दारमा में होम स्टे परवान चढऩे लगा है। यहां पर दुग्तू, दांतू, सौन, तिदांग आदि गांवों में होम स्टे बन चुके हैं। मार्ग के पक्का होते ही दारमा में पर्यटन को गति मिलेगी।

यह भी पढें : पोकलेन लदे ट्राला के भार से गिरा पुल पांच दिन में तैयार, 70 मजदूरों की मेहनत लाई रंग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.