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तहसील के बाहर स्टांप बेचने पर सात दुकानें सील

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : तहसील परिसर के लाइसेंस पर बाहर दुकानों में ई-स्टांप बेचने व अधिक दाम वस

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 09:58 PM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 09:58 PM (IST)
तहसील के बाहर स्टांप बेचने पर सात दुकानें सील

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : तहसील परिसर के लाइसेंस पर बाहर दुकानों में ई-स्टांप बेचने व अधिक दाम वसूलने की शिकायत पर डीएम ने कार्रवाई की। खानचंद्र मार्केट में ऐसी सात दुकानों को सील कर दिया गया। इससे नाराज स्टांप वेंडरों ने विरोध में कामकाज ठप कर दिया। साथ ही मंगलवार को भी हड़ताल का एलान कर दिया।

डीएम दीपक रावत को सोमवार सुबह एक व्यक्ति ने फोन कर स्टांप वेंडरों की शिकायत की। जिसमें कहा गया कि वेंडरों के लाइसेंस तो तहसील परिसर में बिक्री करने के हैं, लेकिन कुछ वेंडर मनमाने तरीके से स्टांप की बिक्री तहसील के पास खानचंद्र मार्केट में कर रहे हैं। शिकायत पर गंभीर हुए डीएम तहसील परिसर पहुंच गए। इस दौरान पता चला कि तहसील परिसर में जारी ई-स्टांप वेंडर लाइसेंस पर कई लोग तहसील के बाहर बिक्री कर रहे हैं। इसके बाद डीएम ने खानचंद्र मार्केट में अवैध रूप से संचालित सात ई-स्टांप वेंडर ईश्वरीदत्त फोटोग्राफर्स, नैनवाल एसोसिएट्स, सुपर कंप्यूटर्स, विनोद सिंह नेगी, दस्तावेज लेखक दयाकृष्ण बेलवाल, भूमिका कार्यालय आदि को सील कर दिया। जबकि कुछ वेंडरों के रजिस्टर भी जांच के लिए जब्त कर लिए। डीएम ने कहा कि उन सभी के लाइसेंस निरस्त होंगे जो शर्तो का उल्लंघन कर रहे हैं। छापामार कार्रवाई के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट केके मिश्रा, एसडीएम एपी बाजपेयी, तहसीलदार धनीराम, कर अधीक्षक नगर निगम विजेंद्र सिंह चौहान मौजूद रहे।

स्टांप वेंडरों ने कार्रवाई को बताया गलत

हल्द्वानी : डीएम की कार्रवाई के बाद स्टांप वेंडर एसोसिएशन व दस्तावेज लेखक संघ के आह्वान पर सभी वेंडर एकजुट हो गए और कामकाज ठप कर दिया। जिन लोगों ने रजिस्ट्री के लिए स्टांप खरीद लिए थे उनके प्रपत्र दुकान में बंद रहे गए तो वह भी सब रजिस्ट्रार कार्यालय धमक गए। बाद में सभी एसडीएम कार्यालय पहुंचे और कहा कि ई-स्टांप बिक्री के लिए 10 रुपये प्रोसेसिंग चार्ज लिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा तहसील परिसर में बिजली या स्थायी शेड की व्यवस्था ही नहीं है। ऐसे में कैसे कंप्यूटर, प्रिंटर आदि का इस्तेमाल संभव है। अधिवक्ता प्रदीप बिष्ट, वेंडर योगेश पांडे, उमेश नैनवाल, गोपाल खोलिया, सुनील पंत आदि ने कहा कि परिसर में सुविधाएं दिए बिना दुकानों को बिना नोटिस सील किया जाना गलत है। इस संबंध में डीएम से मिलकर भी पक्ष रखा जाएगा।


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