Move to Jagran APP

गंगा और यमुना के जल का दस फीसद ही सिंचाई में उपयोग होः स्वामी शिवानंद

मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि गंगा-यमुना के जल का 10 प्रतिशत ही सिंचाई व बिजली के लिए उपयोग होना चाहिए।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 21 Mar 2017 04:04 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 04:00 AM (IST)
गंगा और यमुना के जल का दस फीसद ही सिंचाई में उपयोग होः स्वामी शिवानंद

हरिद्वार, [जेएनएन]: मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि गंगा-यमुना के जल का 10 प्रतिशत ही सिंचाई व बिजली के लिए उपयोग होना चाहिए। 

loksabha election banner

नैनीताल हाईकोर्ट से गंगा यमुना को जीवित मानव का दर्जा दिए जाने के बाद मातृ सदन संस्थापक स्वामी शिवानंद का मानना है कि यह फैसला स्वागत योग्य है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारें जब तक गंगा-यमुना के साथ मानवीय व्यवहार नही करेंगी, तब तक गंगा और यमुना के साथ न्याय नही हो सकता। 

उन्होंने नर्मदा को भी यही दर्जा देने की मांग की। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि जिस तरह से मानव शरीर से एक निश्चित मात्रा के खून निकाला जा सकता है, उसी तरह से गंगा के जल का भी दोहन सिचाई व बिजली उत्पादन के लिए निश्चित मात्रा होना चाहिए।

उन्होंने गंगा पर बने बांधो को भी डी कमीशन किए जाने की मांग की। स्वामी शिवानंद ने बताया कि आज के समय में जब एक पक्षी को भी पिंजरे में रखना अपराध है, फिर गंगा पर बांध बनाना भी गलत है।  ऐसे में गंगा को भी उसके अपने स्वरूप में बहने देने चाहिए।  

उन्होंने उत्तराखंड की नवनियुक्त सरकार से हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए स्टोन क्रसरों को गंगा से पांच किलोमीटर दूर करने की और भी ध्यान आकर्षित कराया ।

यह भी पढ़ें: गंगा में खनन का अभिशाप लगा हरीश रावत कोः स्वामी शिवानंद 

यह भी पढ़ें: शंकराचार्य के मसले पर अखाड़ा परिषद ले सकती है बड़ा फैसला

यह भी पढ़ें: भुमापिठाधिश्‍वर स्‍वामी अच्‍युतानंद को मिली शंकराचार्य की पदवीं


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.