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होली के दिन मातृसदन परमाध्यक्ष शिवानंद शुरू करेंगे अनशन, पीएम मोदी को पत्र लिख दी सूचना

स्वामी शिवानंद मंगलवार से गंगा रक्षा को लेकर स्वयं अनशन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा आत्मबोधानंद को दिल्ली से आश्रम लाया जा रहा है उनसे बातचीत कर अनशन खत्म कराने का प्रयास करेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 08:44 PM (IST)
होली के दिन मातृसदन परमाध्यक्ष शिवानंद शुरू करेंगे अनशन, पीएम मोदी को पत्र लिख दी सूचना

हरिद्वार, जेएनएन। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती मंगलवार से गंगा रक्षा को लेकर स्वयं अनशन (तपस्या) शुरू करेंगे। शिवानंद ने कहा कि ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद को दिल्ली से आश्रम लाया जा रहा है, इसके बाद उनसे बातचीत कर अनशन समाप्त कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने अनशन की सूचना दे दी है। वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और खुफिया विभाग ने खनन माफिया से करोड़ों रुपये लेकर मातृसदन की सुरक्षा हटाने के लिए गलत रिपोर्ट बनाई है।

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जगजीतपुर स्थित मातृसदन आश्रम में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि एम्स दिल्ली से डिस्चार्ज करने के बाद ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद को लावारिस हालत में छोड़ दिया गया। डिस्चार्ज होने के बाद से उनके शरीर में पानी की एक बूंद भी नहीं गई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर अपनी तपस्या के बारे में जानकारी दे दी है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि दस मार्च से वह तपस्या करेंगे। 

इसमें वह पूरे दिन में नींबू, नमक और शहद वाले पांच गिलास पानी पीएंगे। बाद में धीरे-धीरे इसकी मात्रा कम कर दी जाएगी। अंत में जल का भी त्याग कर दिया जाएगा। वहीं, साध्वी पद्मावती का अनशन 86वें और ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद का अनशन 40वें दिन भी जारी रहा, जबकि करीब 20 दिन से आत्मबोधानंद ने जल का भी त्याग कर दिया है। 

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ये हैं छह सूत्रीय मांगें 

-गंगा पर निर्माणाधीन और प्रस्तावित सभी बांधों को निरस्त किया जाए। 

-गंगा पर बने चुके बांधों से गंगा में प्राकृतिक प्रवाह को दुरूस्त रखने के लिए ई-फ्लो की ठोस व्यवस्था बनाई जाए, हरिद्वार भी इसमें शामिल हो।

-गंगा में खनन से संबंधित एनजीटी के आदेशों का अक्षरश: पालन करने को नोटिफिकेशन जारी हो। 

-गंगा एक्ट के लिए सरकार के स्तर पर राष्ट्रीय स्तर पर विस्तृत चर्चा जिसमें मातृसदन और अन्य गंगा प्रेमियों को भी शामिल किया जाए। 

-एनजीटी के जज राघवेंद्र राठौर को गंगाद्रोही घोषित कर उन्हें निलंबित कर मातृसदन की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई की जाए। 

-हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस को निलंबित कर उनकी जांच की जाए। 

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