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अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हिंदू अस्मिता का सवाल: मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हिंदू अस्मिता का सवाल है और यह अवश्य होना चाहिए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 11:02 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 01:02 PM (IST)
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हिंदू अस्मिता का सवाल: मोहन भागवत

हरिद्वार, [जेएनएन]: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर निर्माण हिंदुओं की अस्मिता से जुड़ा है। कहा कि भले ही सौ फीसद हिंदू निर्माण के पक्ष में न हों, लेकिन, मंदिर निर्माण हर हाल में होगा। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में धर्म को लेकर कई तरह के निर्णय आते हैं। उनका मान-सम्मान होना चाहिए, लेकिन धर्म को समाज चलाता है। साधु-संतों का कर्तव्य है कि वे धर्म की रक्षा करें, इसे आगे बढ़ाएं।

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सोमवार को भागवत पतंजलि योगपीठ में आयोजित 'साधु स्वाध्याय संगम' के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। पांच दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस के आनुषांगिक संगठन  धर्म जागरण विभाग ने किया था। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि वर्ष 2025 में संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर दुनिया भर में सनातन धर्म की विजय पताका फहरायी जाएगी। कहा कि अच्छे कार्य में बाधाएं तो आती ही हैं, लेकिन इनसे निराश नहीं होना चाहिए। कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिए सरकार और संगठन की सीमाएं होती हैं, लेकिन साधु-संत  इन सीमाओं से परे होते हैं, उनके लिए सारा संसार होता है।  इसलिए धर्म, राष्ट्र और समाज के उत्थान के लिए कार्य करें। 

इससे पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत के पतंजलि योगपीठ पहुंचने पर योगगुरु बाबा रामदेव ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि संघ परिवार की सेवा, साधना और राष्ट्रधर्म परंपरा है। संघ परिवार ने राष्ट्र और समाज के उत्थान को शिक्षा, चरित्र निर्माण व व्यक्ति निर्माण में बहुत बड़ा योगदान दिया है। कहा कि पतंजलि हमारी गुरु और ऋषि परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। 

कार्यक्रम में देश भर से आए करीब पांच हजार साधु संतों के साथ ही पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. महावीर प्रसाद अग्रवाल, आचार्यकुलम के निदेशक एलआर सैनी, पतंजलि योग समिति के मुख्य केंद्रीय प्रभारी डॉ. जयदीप आर्य भी मौजूद थे।

संघ प्रमुख ने कहा, राजनीति में हमें ज्यादा अच्छे को चुनना है 

वर्तमान राजनीति पर टिप्पणी करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा राजनीति में न तो सौ प्रतिशत अच्छे लोग होते हैं और न ही सौ प्रतिशत बुरे।  यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनमें से सिर्फ अच्छे ही लोगों को चुनें। कहा कि मैं यह नहीं कहता कि किसी एक विचाराधारा से संबंधित किसी विशेष को चुनिए, लेकिन  इतना अवश्य कहता हूं कि जो सबसे योग्य और अच्छा हो उसे ही चुनें। आपके चुने व्यक्ति पर ही राष्ट्र के विकास और उन्नति का भार होता है। 

बंद कमरे में की बैठक 

साधु स्वाध्याय संगम के समापन सत्र की समाप्ति के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने योगगुरु बाबा रामदेव और आरएसएस के प्रदेश व स्थानीय पदाधिकारियों के साथ करीब एक घंटे बंद कमरे में बैठक की। इसके बाद संघ प्रमुख वहां से सीधे दिल्ली वापसी के लिए रेलवे स्टेशन चल गए। 

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