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आइआइटी रुड़की के पूर्व छात्र ने संस्थान को दिए बीस करोड़ रुपये

भारत में चिकित्सा सुविधा को बढ़ावा देने के लिए स्कान मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की को 20 करोड़ का अनुदान दिया है। यह अनुदान प्रोफेसरशिप तीन फैकल्टी फेलोशिप एक लैब के निर्माण और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 03:38 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 03:38 PM (IST)
आइआइटी रुड़की को अनुदान देने वाले संस्थान के पूर्व छात्र एवं स्कान मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक सूटा।

जागरण संवाददाता, रुड़की। भारत में चिकित्सा सुविधा को बढ़ावा देने के लिए स्कान मेडिकल रिसर्च ट्रस्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की को 20 करोड़ का अनुदान दिया है। यह अनुदान प्रोफेसरशिप, तीन फैकल्टी फेलोशिप, एक लैब के निर्माण और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाएगा। ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक सूटा आइआइटी रुड़की के पूर्व छात्र हैं और सूचना प्रौद्योगिकी के दिग्गज हैं।

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बोर्ड आफ गवर्नर्स (बीओजी) आइआइटी रुड़की के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने कहा कि अशोक सूटा के अनुदान देने से संस्थान में हो रहे जैविक विज्ञान और जैविक इंजीनियरिंग के अनुसंधान में तेजी आएगी। उन्हें उम्मीद है कि आइआइटी रुड़की इस राशि का उपयोग कर बढ़ती उम्र की समस्याओं और तंत्रिका संबंधी बीमारियों के अनुसंधान को सफल बनाएगा। ताकि हम एक स्वस्थ और बेहतर दुनिया में जीने का आनंद लें।

आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजित के चतुर्वेदी ने कहा कि संस्थान के इतिहास में यह दिन बहुत खास है। संस्थान के पूर्व छात्र अशोक सूटा ने एक कदम उठाकर कई दिशाओं में नए सफर की शुरुआत की है। एक लंबे अंतराल के बाद किसी भी आइआइटी के भारत में रहने वाले पूर्व छात्र ने इतनी उदारता से अपने संस्थान को दान दिया है।

इससे आइआइटी रुड़की के अपने पूर्व छात्रों से रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। स्कान ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक सूटा ने कहा कि अनुदान स्वरूप अपनी मातृ संस्था के लिए कुछ करने का उन्हें अवसर मिला है। भारत में आज भी चिकित्सा अनुसंधान के लिए निजी वित्त का प्रवाह नगण्य है और इस क्षेत्र में आइआइटी रुड़की के उत्कृष्ट कार्य से उन्हें खुशी है।

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