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गन्ना भुगतान न होने से किसान नाराज, सामूहिक आत्मदाह की दी चेतावनी

गन्ने का भुगतान न होने से नाराज किसानों ने अब 12 अक्टूबर को चीनी मिल गेट पर सामूहिक आत्मदाह करने का एलान किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 06:52 PM (IST)
गन्ना भुगतान न होने से किसान नाराज, सामूहिक आत्मदाह की दी चेतावनी
गन्ना भुगतान न होने से किसान नाराज, सामूहिक आत्मदाह की दी चेतावनी

हरिद्वार, जेएनएन। दो साल से गन्ने का भुगतान न होने से नाराज किसानों ने अब 12 अक्टूबर को चीनी मिल गेट पर सामूहिक आत्मदाह करने का एलान किया है। इसे लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की एक बैठक भी हुई। किसानों की ओर से इस संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अलावा डीएम और मिल मालिक को भी ज्ञापन भेजा गया है। 

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इकबालपुर में हुई राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की बैठक में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पदम सिंह भाटी ने कहा कि इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों का दो साल के पेराई सत्र का 218 करोड़ रुपये का बकाया है। क्षेत्र का किसान बदहाल है। स्थिति यह है कि बैंक का कर्ज का ब्याज चुकता करने के लिए भी उसे साहूकारों से कर्ज लेना पड़ रहा है। किसान को जमीन बेचनी पड़ रही है। आर्थिक हालात बेहद खराब हो चुके है। 

चीनी मिल प्रबंधन एवं सरकार लगातार किसानों को परेशान करने का काम कर रही है। झूठे वायदे किए जा रहे हैं। इसलिए अब किसानों ने निर्णय लिया है कि यदि 12 अक्टूबर तक चीनी मिल वायदे के अनुसार 36 करोड़ का भुगतान नहीं करती है तो किसान सामूहिक आत्मदाह करेंगे। उन्होंने इस संबंध में एक ज्ञापन भी डाक के द्वारा राष्ट्रप्रति और प्रधानमंत्री को भेजा है। बैठक में डॉ. अनिल चौधरी, युद्धवीर सिंह, अजय सिंह, पहल सिंह पंवार, जयवीर सिंह, इकराम, सुभाष त्यागी आदि मौजूद रहे। 

जल्द जारी होगा मिलों के गन्ने क्षेत्र का आरक्षण

शुगर मिलों के लिए निर्धारित किए गए गन्ने का आरक्षण जल्द जारी होगा। इसके लिए मिलों वार गन्ने का रकबा मुख्यालय में लगभग तैयार कर लिया गया है। इससे गन्ना आरक्षण जारी होते ही मिलें भी समय से पेराई सत्र शुरू करने के लिए इंडेंट तैयार करने में जुट जाएंगी। 

जनपद में तीन चीनी मिलों लक्सर, इकबालपुर और लिब्बरहेड़ी को किसान अपना गन्ना बेचते हैं, लेकिन मिलों को गन्ना क्षेत्र का आवंटन मुख्यालय की ओर से किया जाता है, उसी के हिसाब से मिलों की ओर से किसानों को गन्ना खरीद पर्चियां और खरीद सेंटर आवंटित किए जाते हैं। इसके आधार पर ही मिलों की ओर से गन्ने की खरीद कर पेराई सत्र संचालित किया जाता है। किसानों की ओर से भी अपने पसंद के मिलों की मांग समितियों के सचिवों से की जाती है। वहीं मिलों की ओर से भी क्षेत्र लेने के लिए मुख्यालय को आवेदन किया जाता है। 

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किसान और मिल प्रबंधन की बातों को सुनकर गन्ना विभाग की ओर से मिलों का गन्ने क्षेत्र का आवंटन किया जाता है। गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि मिलों के गन्ना आरक्षण को लगभग फाइनल कर लिया गया है। उम्मीद है कि अक्टूबर माह में ही मिलों के गन्ने का आरक्षण जारी कर दिया जाएगा। अक्टूबर में आरक्षण जारी होने के बाद गन्ना समितियां और मिलें भी अपनी तैयारी शुरू कर देंगी, ताकि किसानों को अपना गन्ना बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। 

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