कोरोना के साथ किसानों पर मौसम की दोहरी मार, बेमौसमी बारिश ने फेरा पानी
कोरोना संकट से जूझ रहे किसान अब मौसम की दोहरी मार ङोल रहे हैं। बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। खेत में गेहूं की कटी फसल भारी बारिश व ओलावृष्टि के चलते बर्बाद हो गई।
हरिद्वार, जेएनएन। कोरोना संकट से जूझ रहे किसान अब मौसम की दोहरी मार ङोल रहे हैं। बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। खेत में गेहूं की कटी फसल भारी बारिश व ओलावृष्टि के चलते बर्बाद हो गई है। ऐसे में संकट से जूझ रहे किसानों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है।
लॉकडाउन में किसानों को फसल काटने की सशर्त अनुमति मिली, लेकिन इस दौरान गैंडीखाता गुर्जर बस्ती में जमाती मिलने से पूरी बस्ती को जिला प्रशासन ने सील कर दिया था। अब उन्हें भी फसल काटने की अनुमति मिली, लेकिन बेमौसम बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया।
गुर्जर बस्ती में गेहूं की फसल कटाई बाद उसकी मंडाई की तैयारी के बीच फसल बर्बाद हो गई। गुर्जर बस्ती निवासी मोहम्मद रफी, गुलाम रसूल, मोहम्मद ईशा, बशीर, बिनयामीन, युसूफ, मोहम्मद आलम, हनीफ, जहूर हुसैन ने बताया कि पहले ही बस्ती सील होने से दूध की बिक्री नहीं हो पा रही है।
पहले से ही किसान आर्थिक नुकसान उठा चुके हैं। उम्मीद थी कि गेहूं की पैदावार अच्छी होगी तो कुछ गेहूं बेचकर परिवार का गुजर बसर कर लेंगे, लेकिन अब गेहूं बारिश के चलते खराब हो चुका है। पहले ओलावृष्टि और अब बेमौसम बारिश से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। गाजीवाली निवासी किसान नंदराम ने कहा कि पूर्व में हुई ओलावृष्टि से गेहूं के दाने खराब हो गए थे। बाकी कसर दो दिन से हो रही बारिश ने पूरी कर दी।
यह भी पढ़ें: बेमौसम बारिश से बर्बाद हो गई गेहूं की फसल Haridwar News
मुआवजे के लिए सीएम को भेजा पत्र
भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री से बे-मौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा। भारतीय किसान संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कुशलपाल सिंह ने बताया कि बारिश से पहले ही फसलों को नुकसान होने से किसानों को कम पैदावार से संतोष करना पड़ रहा था। उस पर अब बारिश होने से किसानों की कमर ही टूट गई है। किसान संघ की ओर से इस बाबत प्रभावित किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
यह भी पढ़ें: Uttarakhand Weather: ओलावृष्टि की मार से फसल बर्बाद, किसानों में छायी मायूसी