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Uttarakhand Weather: ओलावृष्टि की मार से फसल बर्बाद, किसानों में छायी मायूसी

जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में मौसम का कहर लगातार जारी है। क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में भारी ओलावृष्टि के चलते फ्लोरिंग के बाद फलों से लकदक बगीचे तबाह हो गए।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 12:24 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 12:24 PM (IST)
Uttarakhand Weather: ओलावृष्टि की मार से फसल बर्बाद, किसानों में छायी मायूसी

देहरादून, जेएनएन। जौनसार-बावर के ऊंचे इलाकों में मौसम का कहर लगातार जारी है। क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में भारी ओलावृष्टि के चलते फ्लोरिंग के बाद फलों से लकदक बगीचे तबाह हो गए। इसके अलावा यहां ओलावृष्टि से नगदी फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। सेब बगीचे व अन्य नगदी फसलें चौपट होने से ग्रामीण अंचल के किसान व बागवानों के चेहरे पर मायूसी छा गई। ओलावृष्टि से प्रभावितों ने सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है।

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फलपट्टी कहे जाने वाले चकराता ब्लॉक के ऊंचाई वाले कई ग्रामीण इलाकों में करीब दस हजार छोटे-बड़े सेब बगीचे हैं। कृषि-बागवानी यहां लोगों का मुख्य व्यवसाय है। क्षेत्र में इस बार फसलों की अच्छी पैदावार होने से किसान-बागवान बड़ी उम्मीद लगाए बैठे थे। इस बार बेमौसम बारिश व भारी ओलावृष्टि ने सैकड़ों ग्रामीण किसान व बागवानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। 

शनिवार शाम व रविवार सुबह चकराता ब्लॉक के सुदूरवर्ती कांडोई-भरम, मशक, कथियान-शिलगांव क्षेत्र से जुड़े गोरछा, रजाणू, कुनवा, हरटाड-संताड, जाडी, भूठ, छजाड, ऐठान, पटियूड, भूनाड, डिरनाड, डांगूठा समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों भारी ओलावृष्टि होने से सेब बगीचे व नगदी फसलें तबाह हो गई। 

गोरछा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता कांशीराम जोशी, बागवान सोहन जोशी, मशक के जगत सिंह चौहान, भूप सिंह, कोटी-कनासर के प्रधान राहुल पुन, भूठ की प्रधान अंकिता राणा, डिरनाड की प्रधान संतोषी देवी, बारू सिंह राणा, पूरण सिंह चौहान आदि ने कहा कि क्षेत्र में हुई भारी ओलावृष्टि के चलते ग्रामीण किसान व बागवानों की सारी मेहनत बेकार चली गई। 

सोहन जोशी ने कहा कि ओलावृष्टि से गोरछा गांव के पास उनके नर्सरी प्लांट में लगी दस हजार से ज्यादा सेब की पौधे खराब हो गई। भारी ओलावृष्टि के चलते सेब बगीचों में फ्लोरिंग के बाद आए फलों के अलावा आडू, खुमानी, नाशपाती, पुलम व कृषि उपज में गेहूं, मटर, राजमा, आलू, टमाटर, खीरा, फूलगोभी, शिमला मिर्च, बींस व अन्य नगदी फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। आधे घंटे की ओलावृष्टि ने ग्रामीण किसान-बागवानों की कमर तोड़ दी।

बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

कोरोना वायरस संक्रमण के बीच बारिश भी किसानों के लिए मुसीबत बन रही है। एक ओर ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर खेतों में काटकर रखी गई फसल को भी बारिश से नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं। अब तक कई बार ओलावृष्टि हो चुकी है जिससे मटर, मसूर, गेहूं जैसी फसलों को नुकसान पहुंचा है। 

टिहरी जिले के चंबा क्षेत्र में घाटी वाली जगहों पर जहां गेहूं की फसल तैयार हो गई थी। किसान बारिश के कारण उसे समेट नही पा रहे हैं। काणाताल, रानीचौरी, जड़धार गांव, इंडवाल गांव आदि डांडा क्षेत्र में बीते रोज सायं को भारी ओलावृष्टि हुई जिससे वहां मटर व गेहूं की फसल को क्षति पहुंची। 

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इसके अलावा नागणी, खाड़ी, सकलाना, नकोट आदि घाटी वाली जगहों में गेहूं की फसल पकने लगी है। लेकिन, किसान बारिश के कारण उसे समेट नहीं पा रहे हैं। बारिश से टमाटर, गोभी, शिमचा मिर्च जैसी नगदी फसल में बीमारी का प्रकोप भी बढ़ गया है।

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