जज पर नौकरानी के उत्पीड़न का दर्ज केस होगा वापस, पढ़िए पूरी खबर
नाबालिग नौकरानी के उत्पीड़न के आरोप में महिला जज के खिलाफ सिडकुल थाने में दर्ज मुकदमे को शासन ने वापस लेने का निर्णय लिया है।
हरिद्वार, जेएनएन। नाबालिग नौकरानी के उत्पीड़न के आरोप में महिला जज के खिलाफ सिडकुल थाने में दर्ज मुकदमे को शासन ने वापस लेने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शासन से एक चिट्ठी जिलाधिकारी हरिद्वार को भेजी गई है। जिसमें जनहित में मुकदमा वापसी के लिए डीएम को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
30 जनवरी 2018 को नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर जिला जज, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी व एसएसपी हरिद्वार की टीम ने तत्कालीन सिविल जज एसडी दीपाली शर्मा के आवास से हल्द्वानी की एक किशोरी को बरामद किया था। किशोरी का मेडिकल कराने पर उसके शरीर पर चोट के कई निशान मिले थे।
दरअसल किशोरी के परिवार ने नैनीताल हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर सिविल जज दीपाली शर्मा पर उनकी बेटी को जबरन बंधक बनाकर रखने व उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। वहीं सिविल जज दीपाली का कहना था कि किशोरी का परिवार गरीब होने के चलते उन्होंने पढ़ाई कराने के लिए उसे अपने साथ रखा हुआ है।
इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर सिविल जज दीपाली शर्मा के खिलाफ सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। बाद में उनका ट्रांसफर कर उन्हें सस्पेंड भी किया गया था। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की काउंसलिंग के बाद किशोरी को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था। इस मामले में अपर सचिव अतर सिंह की ओर से हरिद्वार जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि शासन ने सरकार बनाम दीपाली शर्मा केस को वापस लेने का निर्माण लिया है।
इस मामले में अभियोजन अधिकारी को निर्देशित करते हुए न्यायालय की सम्मति से मुकदमे को वापस लेने का कष्ट करें। वहीं इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में अभियोजन पक्ष की तरफ से मंगलवार तक कोई पत्र दाखिल नहीं हो सका था। ऐसा माना जा रहा है कि एक दो दिन में डीएम के निर्देश पर अभियोजन पक्ष कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेगा।
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