Move to Jagran APP

बाबा रामदेव ने वीआइपी घाट में किया योग, बोले-चीन से सभी समझौते हों रद

योग गुरु बाबा रामदेव ने 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में हरिद्वार के वीआईपी घाट पर शुभा ध्यान लगाया। साथ ही योग भी किया। उन्होंने कहा कि चीन से सभी समझौते हों रद हों।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 07:57 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 08:42 PM (IST)
बाबा रामदेव ने वीआइपी घाट में किया योग, बोले-चीन से सभी समझौते हों रद
बाबा रामदेव ने वीआइपी घाट में किया योग, बोले-चीन से सभी समझौते हों रद

हरिद्वार, जेएनएन। योग गुरु बाबा रामदेव ने 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में हरिद्वार के वीआईपी घाट पर शुभा ध्यान लगाया। साथ ही योग भी किया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन वह हर साल बड़ा योग शिविर लगाते थे पर। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।  इस मौके पर उन्होंने विश्व शांति, विश्व स्वास्थय और सुख-समृद्धि की कामना की और वेद मंत्रों का उच्चारण किया। 

loksabha election banner

कार्यक्रम के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने चीन को भारत का दुश्मन, जाहिल और साम्राज्यवादी देश बताते हुए मांग की कि भारत सरकार चीन के साथ हुए सभी समझौतों को रद कर दें और अपने सैनिकों की शहादत का पुरजोर बदला ले। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि चीन को उचित सबक सिखाया जाए और उसकी हरकतों को बढ़ने से रोक दिया जाए। 

उन्होंने आरोप लगाया कि चीन नेपाल को भी भड़का कर भारत के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उसके यह मंसूबे भारत नेपाल की घनिष्ठ मित्रता, रोटी बेटी के संबंध के कारण और धार्मिक व्यवस्था के चलते पूरे नहीं हो पाएंगे। 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हर साल होने वाले अपने कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि इस बार यह पतंजलि योगपीठ में ही पतंजलि के अंतः वासी ब्रह्मचारियों के साथ ही होगा। इसका सजीव प्रसारण हर कहीं किया जाएगा और लोग अपने घरों से ही उस से जुड़ेंगे। बताया कि वैसे तो योग का प्रोटोकॉल 7:00 बजे से रखा गया है। वहीं, पतंजलि योगपीठ में यह कार्यक्रम एडवांस ध्यान और एडवांस योग के रूप में सुबह 5:00 बजे से ही आरंभ हो जाएगा। 

बारा रामदेव ने पिछले साल हरिद्वार में हर की पैड़ी पर 21 जून के दिन योग शिविर लगाने की घोषणा की थी। किन्हीं कारणों से बाद में इसे महाराष्ट्र शिफ्ट कर दिया था। इस बार उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से शुक्रवार सुबह योग दिवस के उपलक्ष में वीआईपी घाट पर योग प्रोटोकॉल किया। इसके तहत पहले उन्होंने ध्यान लगाया उसके बाद योग किया। 

शुरू में तो मीडिया को वीआइपी घाट में जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन जैसे ही योग गुरु वहां पहुंचे और कार्यक्रम की शुरुआत हुई तो  मीडिया को बाहर निकाल दिया गया। इस दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने फिलहाल किसी से भी बातचीत नहीं की। वह मीडिया से फिलवक्त दूरी बनाए रखी। इस दौरान उन्होंने सुबह पांच से छह बजे तक ध्यान लगाया और छह से सात बजे तक योगा प्रोटोकॉल की रिहर्सल की। 

बदला गया कार्यक्रम स्थल 

हालांकि पूर्व में यह कार्यक्रम हरकी पैड़ी पर आयोजित किए जाने की पतंजलि की ओर से आधिकारिक जानकारी दी गई थी। गत देर शाम कार्यक्रम स्थल बदला गया। बताया जा रहा है कि हरकी पैड़ी पर कार्यक्रम को लेकर योग गुरु की ओर से श्री गंगा सभा से न तो कोई वार्ता की गई और न ही विश्वास में लिया गया। 

इस पर श्री गंगा सभा ने आपत्ति दर्ज कराई थी। श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा कि हरकी पैड़ी पर कार्यक्रम को लेकर श्री गंगा सभा से न ही कोई अनुमति ली गई है और न ही उन्हें विश्वास में लिया गया है। ऐसे में हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड और मालवीय द्वीप पर कार्यक्रम का आयोजन संभव नहीं है। इसके बाद भी यदि कार्यक्रम होता है तो वह आपत्ति दर्ज करेंगे। इसके बाद पतंजलि की ओर से कार्यक्रम स्थल बदल दिया गया। पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारेवाला ने इसकी पुष्टि की थी।

योग शारीरिक शुद्धता व एकाग्रता बढ़ाने में लाभदायक

पतंजलि विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित योग सप्ताह वर्चुअल वेबिनॉर की शुरुआत विवि के सहायक प्राध्यापक स्वामी परमार्थदेव के व्याख्यान से हुई। जिसमें मानव जीवन के कल्याण एवं राष्ट्र को महान बनाने पर जोर दिया गया। 

उन्होंने अखंड-प्रचंड पुरुषार्थ व विकल्प रहित संकल्प को अपने जीवन में अपनाने की सलाह दी। दूसरे सत्र में भारत स्वाभिमान एवं पतंजलि योग समिति के केंद्रीय प्रभारी डा. जयदीप आर्य ने जीवन कल्याण के लिए अष्टांग योग, विषय पर अपने विचार रखते हुए महर्षि पतंजलिकृत अष्टांग योग के आठों चरणों की व्यावहारिक एवं लोकोपयोगी व्याख्या प्रस्तुत की। 

यह भी पढ़ें: इस अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस पर घर पर ही होगा योग

कहा कि स्थिरतापूर्वक इसके निरंतर अभ्यास से उच्चस्तरीय चेतना में प्रवेश किया जा सकता है। पतंजलि योगपीठ के षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान के प्रभारी डॉ. सचिन त्यागी ने कहा कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए शरीरगत दस प्राणों का स्वस्थ होना आवश्यक है। मनोविज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉ. वैशाली गौड़ ने तनाव के विभिन्न प्रकारों की उदाहरण सहित चर्चा करते हुए इसके प्रबंधन के लिए विभिन्न व्यवहार कौशलों की व्याख्या की।

यह भी पढ़ें: जीवन में रोग मिटाने में योग सबसे भरोसेमंद सहयोगी, पढ़िए पूरी खबर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.