संतों और धार्मिक संपत्तियों का ब्योरा जुटाएगी अखाड़ा परिषद
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अखाड़ों से जुड़े साधु-संन्यासियों और मठ-मंदिरों, आश्रमों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए उनका डेटा बैंक तैयार करेगी।
हरिद्वार, [अनूप कुमार]: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अखाड़ों से जुड़े साधु-संन्यासियों और मठ-मंदिरों, आश्रमों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए उनका डेटा बैंक तैयार करेगी। परिषद से जुड़े सभी 13 अखाड़ों को यह ब्योरा जुटाने को कहा गया है। परिषद का मानना है कि सनातन हिन्दू धार्मिक संपदा का संरक्षण करना जरूरी है। धर्म विरोधी ताकतें इन्हें नष्ट करने का प्रयास कर रही हैं।
परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के अनुसार देखने में आ रहा है कि देशभर में अखाड़ों की जुड़ी धार्मिक संपत्तियां अवैध तरीके से कब्जे की वजह से विवादित हो रही हैं। ऐसे में इनकी देखरेख और सुरक्षा मुश्किल होती जा रही है। इसी के मद्देनजर परिषद ने अखाड़ों से जुड़े साधु-संन्यासियों और धार्मिक संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू किया है। सभी अखाड़े इसकी जानकारी परिषद को देंगे।
अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी दक्षिण काली मंदिर पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने परिषद की इस पहल का स्वागत किया। कहा कि सनातन हिन्दू धार्मिक संपदा के संरक्षण और सुरक्षा को यह सराहनीय प्रयास है।
साधु-संन्यासियों को दिए जा रहे पहचान पत्र
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अखाड़ों से जुड़े साधु-संन्यासियों को पहचान पत्र जारी करेगा। इनमें साधु-संन्यासियों से संबंधित सभी विवरण दर्ज होंगे। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया कि पहचान पत्र देना शुरू कर दिया गया है। वर्ष 2019 इलाहाबाद कुंभ के दौरान इसमें तेजी लाई जाएगी।
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