रेल प्रशासन की लापरवाही से घट सकती है बड़ी घटना, रेलवे ट्रैक पर आ जा रहे हाथी
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन ने पत्र लिखने के बाद भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन की जानकारी नहीं देने पर रेलवे प्रशासन से कड़ी नाराजगी जताई है।
हरिद्वार, जेएनएन। राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन ने पत्र लिखने के बाद भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन की जानकारी नहीं देने पर रेलवे प्रशासन से कड़ी नाराजगी जताई है। कहा कि इस लापरवाही से बड़ी घटना घट सकती है।
लॉकडाउन के चलते हरिद्वार से देहरादून व ऋषिकेश रेलवे मार्ग पर ट्रेनों का संचालन बंद पड़ा था। रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों के आने-जाने की गतिविधियां न होने से पार्क से गुजर रहे ट्रैक पर भी सन्नाटा छाया हुआ था, जिससे रेलवे ट्रैक पर हाथी आ जा रहे थे। इसको देखते हुए राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने रेलवे प्रशासन को पत्र भेजकर कहा था कि जब भी ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाए तो उन्हें भी इससे अवगत कराया जाए। लेकिन, देहरादून से श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की जानकारी रेलवे प्रशासन ने राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को नहीं दी।
राजाजी टाइगर रिजर्व के वन्यजीव प्रतिपालक कोमल सिंह ने बताया कि हाथियों की रेलवे ट्रैक पर आवाजाही से खतरा बढ़ा हुआ है। ट्रेनों के संचालन की जानकारी देने के लिए एसएसपी रेलवे और डीआरएम को पत्र भेजा था। बावजूद इसके देहरादून से भेजी गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन के चलने की जानकारी उन्हें नहीं दी गई। इस लापरवाही से रिजर्व जंगल से ट्रेन के गुजरने से कोई भी दुर्घटना घट सकती है।
रात में फिर से आया हाथियों का झुंड
मोतीचूर रेलवे स्टेशन पर मंगलवार की रात में फिर से हाथियों का झुंड चला आया। हांलाकि झुंड ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन फिर भी गश्त टीम सतर्क रही। उधर, पार्क में आग लगने से रोकने के लिए पत्तों को हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। ट्रेन बंद होने से रेलवे ट्रैक सूना पड़ा होने से हाथियों का मूवमेंट अधिक बढ़ गया है।
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मोतीचूर रेलवे स्टेशन से रोजाना हाथियों का झुंड गुजर रहा है। मंगलवार की रात में भी हाथियों का झुंड रेलवे स्टेशन से गुजरा। राजाजी टाइगर रिजर्व के वन्य जीव प्रतिपालक कोमल सिंह ने बताया कि हाथी के झुंड के साथ एक बच्चा भी है। जिससे हाथी एहतियात के तौर पर खाने-पीने के लिए ज्यादा दूर नहीं जाते हैं। रेलवे ट्रैक के पास अच्छी घास उग गई है। जिससे वह वहीं पर आकर घास खाते रहते हैं। उन्होंने बताया जंगल में आग को फैलने से रोकने के लिए पत्तों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है, ताकि आग लगने से वह फैल न सके।
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