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तीर्थयात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर सड़क पर पलटी, 41 यात्री घायल

नौ देवी दर्शन के लिए निकली तीर्थयात्रियों से भरी बस एक डिवाइडर से जा टकराई और पलट गई। हादसे में 41 यात्री घायल हो गए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 06:47 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 06:47 PM (IST)
तीर्थयात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर सड़क पर पलटी, 41 यात्री घायल
तीर्थयात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर सड़क पर पलटी, 41 यात्री घायल

मंगलौर, जेएनएन। दिल्ली के कालकाजी मंदिर से नौ देवी दर्शन के लिए निकली तीर्थयात्रियों से भरी बस एक डिवाइडर से जा टकराई और पलट गई। हादसे में 41 यात्री घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल 13 यात्रियों को हायर सेंटर रेफर किया गया है।

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भव्य जग जननी दरबार धर्मार्थ समिति न्यूरामप्रस्थ विहार, बहटा हाजीपुर, लोनी गाजियाबाद की ओर से हर छह माह में श्रद्धालुओं को लेकर तीर्थयात्रा कराई जाती है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु कालकाजी मंदिर दिल्ली में एकत्र हुए। यहां से अल सुबह 54 बसों में तीर्थयात्रियों को नौ देवी सिद्ध पीठ के दर्शन कराने के लिए रवाना किया गया। बसों में अधिकांश श्रद्धालु गाजियाबाद, दिल्ली आदि जगह से थे। इन सभी यात्रियों को हरिद्वार में पहले मनसा देवी के दर्शन करने थे। इसके बाद दूसरे स्थानों पर जाना था। जैसे ही बस प्रदेश की सीमा में घुसी और कोतवाली क्षेत्र के मंडावली गांव में पहुंची तो बस चालक नियंत्रण खो बैठा और बस पलट गई। 

बस के पलटते ही यहां पर तीर्थ यात्रियों में चीख पुकार मच गई। पूरा मार्ग जाम हो गया। पीछे से आ रही श्रद्धालुओं की दूसरी बस भी रुक गई। इसके बाद घायलों को बसों से निकालना शुरू कर दिया। तब तक मंगलौर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। घायलों को रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। यहां से 28 यात्रियों को तो प्राथमिक उपचार देने के बाद छुट्टी दे दी गई। 13 यात्रियों को गंभीर होने पर हायर सेंटर रेफर कर दिया है।

चालक को नींद की झपकी आने की आशंका 

मामले की जांच कर रही पुलिस ने आशंका जताई है कि जिस तरह से यह सड़क हादसा हुआ है, ऐसे में चालक की लापरवाही सामने आई है। हो सकता है कि चालक को नींद की झपकी आ गई हो। सीओ मंगलौर डीएस रावत ने बताया कि मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है। 

चिकित्सकों का रहा बेहतर योगदान 

जिस समय यह हादसा हुआ, उस समय रुड़की सिविल अस्पताल के ट्रामा सेंटर में एक चिकित्सक ही इमरजेंसी मेडिकल आफिसर की ड्यूटी पर थे। इसके अलावा फार्मासिस्ट एवं अन्य कर्मचारी थे। हालांकि सभी चिकित्सक तत्काल ट्रामा सेंटर पहुंचे। तीर्थयात्रियों के जत्थे का नेतृत्व कर रहे सुरेन्द्र नागर ने बताया कि रुड़की अस्पताल के स्टॉफ की ओर से की गई मदद से बेहद सराहनीय रही है। निजी अस्पताल जैसा ट्रीटमेंट दिया गया है। 

कम पड़ गए स्ट्रेचर 

सिविल अस्पताल में एक साथ 41 घायलों के आने के बाद अस्पताल के ट्रामा सेंटर में स्ट्रेचर कम पड़ गई। इस पर बैड की संख्या भी बढ़ा दी गई। प्राथमिक उपचार करने के बाद सभी मरीजों को सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया। 

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घुस आए प्राइवेट एंबुलेंस वाले 

रुड़की सिविल अस्पताल में जैसे ही बड़ी संख्या में घायल पहुंचे तो अस्पताल के बाहर खड़े रहने वाले प्राइवेट एंबुलेंस चालक अस्पताल के अंदर घुस आए और मरीजों को निजी अस्पताल में ले जाने का प्रलोभन देने लगे। इस बात की जानकारी जब अस्पताल के चिकित्सक डॉ. एके मिश्रा को मिली तो उन्होंने एंबुलेंस का नंबर नोट करना शुरू कर दिया। इसके बाद एंबुलेंस चालक यहां से भाग निकले। 

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