आइआइटी रुड़की के 26 छात्रों ने गूगल समर आफ कोड के लिए किया क्वालीफाई
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के 26 छात्रों को प्रतिष्ठित और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी गूगल समर ऑफ कोड (जीएसओसी) कार्यक्रम 2021 के लिए चुना गया है। पिछले तीन वर्षों में जीएसओसी कार्यक्रम के वैश्विक प्रतिभागियों में से आइआइटी रुड़की के प्रतिनिधियों की चयन दर सबसे अधिक है।
रीना डंडरियाल रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की के 26 छात्रों को प्रतिष्ठित और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी गूगल समर ऑफ कोड (जीएसओसी) कार्यक्रम 2021 के लिए चुना गया है। पिछले तीन वर्षों में जीएसओसी कार्यक्रम के वैश्विक प्रतिभागियों में से आइआइटी रुड़की के प्रतिनिधियों की चयन दर सबसे अधिक है। जीएसओसी एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है। जिसका लक्ष्य छात्रों में रचनात्मक कोडिंग कौशल विकसित करना है।
गूगल समर ऑफ कोड कार्यक्रम छात्रों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय क्रैश-कोर्सेज में से एक बन गया है। यह कार्यक्रम छात्रों के कौशल, रचनात्मकता और संज्ञानात्मक क्षमता का आंकलन करता है और उनका ओपन सोर्स, फ्री सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी से संबंधित संगठनों के साथ मिलान कराता है। खास बात यह है कि यह प्रोग्राम छात्रों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न नहीं करता है। क्योंकि छात्र इस दस सप्ताह लंबी प्रोग्रामिंग परियोजना में संस्थान से अपने ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान शामिल होते हैं। यह एक पेड इंटर्नशिप है और केवल 18 से 20 फीसद की चयन-दर के साथ यह अत्यधिक प्रतिस्पर्धी इंटर्नशिप प्रोग्राम है।
इसमें चयनित छात्र को न्यूनतम दस हजार रुपये से लेकर अधिकतम दो लाख रुपये तक प्रतिमाह दिए जाते हैं। यह कार्यक्रम दुनिया भर से असाधारण प्रतिभा का चयन करने का प्रयास करता है और बहुत कम छात्र इस जुझारू कार्यक्रम को पूरा कर पाते हैं। इतनी कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण हर वर्ष इस प्रोग्राम का महत्व बढ़ रहा है। छात्रों की इस उपलब्धि पर आइआइटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी कहते हैं कि इस गतिविधि ने हमारे संस्थान में गहरी जड़ें जमा ली हैं। यह एक वार्षिक मंच है जो हमारे छात्रों के बीच मजबूत तकनीकी संस्कृति को दर्शाता है और हमारे संस्थान की प्रतिष्ठा को बढ़ा रहा है।
छात्र वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों और व्यावहारिक ज्ञान से होते हैं अवगत
जीएसओसी के पाठ्यक्रम को अभिप्रायपूर्वक ऐसे रचा गया है कि छात्र वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों और व्यावहारिक ज्ञान से अवगत हो सकें। कार्यक्रम के दौरान चयनित छात्र कोड लिखते हैं और असाधारण कोडर्स के वैश्विक समुदायों का हिस्सा बन जाते हैं। इस मंच के माध्यम से छात्र अपनी अकादमिक गतिविधियों से संबंधित क्षेत्रों में वास्तविक दुनिया के सॉफ्टवेयर विकास और रोजगार के अवसरों के संपर्क में आते हैं। विकासात्मक सीखने की प्रक्रिया में सभी को लाभ पहुंचाने के लिए अधिक स्रोत कोड उत्पन्न और जारी किए जाते हैं।
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