Move to Jagran APP

coronavirus से जंग को आइआइटी रुड़की ने तैयार किया अत्याधुनिक पोर्टेबल वेंटिलेटर, जानिए खासियत

आइआइटी रुड़की ने कम लागत वाला एक ऐसा पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किया है जो कोविड-19 रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उपयोगी सिद्ध हो सकता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 01:45 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 09:46 PM (IST)
coronavirus से जंग को आइआइटी रुड़की ने तैयार किया अत्याधुनिक पोर्टेबल वेंटिलेटर, जानिए खासियत
coronavirus से जंग को आइआइटी रुड़की ने तैयार किया अत्याधुनिक पोर्टेबल वेंटिलेटर, जानिए खासियत

रुड़की, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने कम लागत वाला एक ऐसा पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किया है, जो कोविड-19 रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उपयोगी सिद्ध हो सकता है। अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 'प्राण-वायु' नाम के इस क्लोज्ड लूप वेंटिलेटर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के सहयोग से विकसित किया गया है।

loksabha election banner

पोर्टेबल वेंटिलेटर मरीज को आवश्यक मात्रा में हवा पहुंचाने के लिए प्राइम मूवर के नियंत्रित ऑपरेशन पर आधारित है। इसकी स्वचालित प्रक्रिया दबाव और प्रवाह की दर को सांस लेने व छोड़ने के अनुरूप नियंत्रित करती है। वेंटिलेटर में ऐसी व्यवस्था भी है, जो टाइडल वॉल्यूम और प्रति मिनट सांस को नियंत्रित कर सकती है। वेंटिलेटर सांस नली के बड़े अवरोधों में उपयोगी होने के साथ ही सभी आयु वर्ग के रोगियों, खासकर बुजुर्गों के लिए लाभदायी है। 

प्रोटोटाइप का परीक्षण सामान्य और सांस के विशिष्ट रोगियों के साथ सफलतापूर्वक किया गया। यह तब विशेष उपयोगी हो सकता है, जब अस्पताल के किसी वार्ड या खुले क्षेत्र को आइसीयू में परिवर्तित करना जरूरी हो। रियल टाइम स्पायरोमेट्री और अलार्म से सुसज्जित होने के कारण यह सुरक्षित और विश्वसनीय है, जो स्वचालित रूप से एक अलार्म सिस्टम के साथ उच्च दबाव को सीमित कर सकता है। विफलता की स्थिति में चोकिंग को रोकने के साथ ही सर्किट वातावरण में खुलता है। 

इसकी अनुमानित निर्माण लागत 25 हजार रुपये है। शोध टीम में आइआइटी रुड़की के प्रो.अक्षय द्विवेदी और प्रो.अरुप कुमार दास के साथ एम्स ऋषिकेश के डॉ. देवेंद्र त्रिपाठी भी ऑनलाइन सहयोग में शामिल थे। वेंटिलेटर पर अनुसंधान लॉकडाउन में शुरू हुए और एक सप्ताह में इसे विकसित भी कर लिया। 

कम लागत वाला विश्वसनीय मॉडल

आइआइटी रुड़की की टिंकरिंग प्रयोगशाला के समन्वयक प्रो. अक्षय द्विवेदी ने बताया कि प्राण-वायु को विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के लिए डिजाइन किया गया है। यह कम लागत वाला, सुरक्षित और विश्वसनीय मॉडल है, जिसका निर्माण तेजी से किया जा सकता है। बताया कि इसका उपयोग शिशुओं और अधिक वजन वाले वयस्कों, दोनों के लिए किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: रुड़की में प्रशासन ने लोगों की मदद के लिए बनाई वेबसाइट

आइआइटी रुड़की के प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि हम महामारी से निपटने में सरकार के प्रयासों को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कम लागत वाला यह वेंटिलेटर कोविड-19 के रोगियों के लिए अत्याधिक उपयोगी सिद्ध होगा। खासकर उस स्थिति में, जब वेंटिलेटर की कमी हो।

यह भी पढ़ें: वैश्विक एयर स्पेस की प्रगति में छात्रों का अहम रोल: डॉ. टेसी थॉमस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.