Move to Jagran APP

कांवड़ियों के रंग में रंगी धर्मनगरी, मेले की सभी तैयारियां पूरी; जानिए इस यात्रा का महत्व

बुधवार से शुरू होने वाले श्रावण मास कांवड़ मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कांवड़ यात्री भी हरिद्वार पहुंचने लगे हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 08:31 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 08:49 PM (IST)
कांवड़ियों के रंग में रंगी धर्मनगरी, मेले की सभी तैयारियां पूरी; जानिए इस यात्रा का महत्व
कांवड़ियों के रंग में रंगी धर्मनगरी, मेले की सभी तैयारियां पूरी; जानिए इस यात्रा का महत्व

हरिद्वार, जेएनएन। धर्मनगरी हरिद्वार आध्यात्म के रंग में रंग गई है। बुधवार से शुरू होने वाले श्रावण मास कांवड़ मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कांवड़ यात्री भी हरिद्वार पहुंचने लगे हैं। सुरक्षा के लिहाज से मेला क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है। पुलिस, पीएसी और अर्धसैनिक बलों को मिलाकर करीब 10 हजार जवान मेला ड्यूटी में तैनात हैं।  

loksabha election banner

भगवान भोलेनाथ को प्रिय श्रावण मास का प्रमुख धार्मिक आयोजन कांवड़ मेला 17 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। करीब 12 दिन चलने वाले इस मेले में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश से इस बार तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। हरिद्वार पहुंचने वाले शिवभक्तों की टोलियां हरकी पैड़ी से गंगा जल लेकर भोले के जयकारों के साथ गंतव्यों को रवाना होंगी। पैदल कांवड़ियों के अलावा लाखों की संख्या में दोपहिया और चौपहिया वाहनों से डाक कांवड़ में भी शिवभक्त हरिद्वार से गंगा जल लेकर जाएंगे। निर्धारित समय अवधि में शिवालयों तक पहुंचने के लिए गंगा जल लेकर दौड़ते कांवड़िए मेले का आकर्षण रहेंगे। 30 जुलाई को महाशिवरात्रि पर शिवालयों में गंगा जल से भगवान आशुतोष का अभिषेक होने के साथ ही कांवड़ मेले का समापन हो जाएगा। 

प्रदेश के डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार, आइजी गढ़वाल अजय रौतेला और एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने सोमवार को मेला ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को ब्रीफ किया। मंगलवार से ड्यूटी प्वाइंटों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई। 

कांवड़ यात्रा का महत्व

सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए इस पावन यात्रा के लिए निकलते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बेहद खास होता है। मान्यता है कि पूरे श्रावण मास भगवान शिव अपनी ससुराल राजा दक्ष की नगरी कनखल हरिद्वार में निवास करते हैं। भगवान विष्णु के शयन में जाने के कारण तीनों लोक की देखभाल भगवान शिव ही करते हैं। यही वजह है कि कांवड़ यात्री श्रावण माह में गंगाजल लेने हरिद्वार आते हैं। 

शहर के चारों तरफ बनाए गए हैं बस अड्डे 

कांवड़ मेले के लिए चार अस्थायी बस अड्डे बनाए गए है। ऋषिकुल, हरिराम आर्य इंटर कॉलेज कनखल, मोतीचूर और चंडी घाट के नीचे गौरी शंकर द्वीप में अस्थायी बस अड्डा बनाया गया है। 17 जुलाई से मेला समाप्ति तक रोडवेज बसों का संचालन इन्हीं बस अड्डों से होगा। पुलिस ने पैदल कांवड़ यात्रा करने वाले कांवड़ यात्रियों के अलावा, चारधाम यात्रा, भारी वाहन समेत पूरे शहर के लिए प्लान तैयार किया है। दो पहिया वाहनों के लिए रोड़ीबेलवाला में पार्किंग रहेगी। जबकि चौपहिया वाहनों को बैरागी कैंप, हरिराम आर्य इंटर कॉलेज कनखल में खड़ा कराया जाएगा। 

17 जगहों पर लगेंगे चिकित्सा शिविर 

कांवड़ मेले में आने वाले शिवभक्तों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए 17 जगहों पर चिकित्सा शिविर लगाए जाएंगे। इनमें 16 शिविरों का आयोजन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से और एक शिविर धार्मिक संस्था भूमानंद धर्मार्थ चिकित्सालय की ओर से लगाया जाएगा। यह शिविर गंगनहर पटरी पर हरिद्वार हरकी पैड़ी से लेकर नारसन बॉर्डर तक लगाए जाएंगे। हर शिविर में तीन शिफ्ट में डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई है। 11 एंबुलेंस स्वास्थ्य विभाग की ओर से और नौ 108 एंबुलेंस कांवड़ मेले में डयूटी देंगी। इनके अलावा शिवभक्तों के भोजन और ठहरने की व्यवस्था के लिए सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की ओर से 150 से ज्यादा भंडारे के साथ ही शिविर का आयोजन किया जाएगा। 

मेला क्षेत्र में बनेंगे 200 शौचालय 

मेले में रोड़ीबेलवाला, बैरागी कैंप, पंतद्वीप और पुल जटवाड़ा पर 200 अस्थायी शौचालय और पेशाब घर बनाए जाएंगे। कांवड़ बाजार इस बार भी पंतद्वीप और बैरागी कैंप में लगेगा। हरिद्वार नगर निगम ने इसके लिए ठेका जारी कर दिया है। जिसके अनुसार पंतद्वीप में 300 और बैरागी कैंप में 25 दुकानें लगाई जाएंगी। इन स्थानों पर अस्थायी शौचालय की व्यवस्था भी रहेगी। मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के लिए नगर निगम ने 100 अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की तैनाती भी की है। 

अधूरा फोरलेन, टूटे पुल बनेंगे चुनौती 

कांवड़ मेले में करोड़ों शिवभक्तों की भीड़ उमडऩे पर दिल्ली-देहरादून हाईवे पर फोरलेन का अधूरा पड़ा निर्माण और दो टूटे पुल बड़ी चुनौती बनेंगे। हाईवे पर हरिद्वार नगर निगम की सीमा में तीन फ्लाईओवर का निर्माण लटका हुआ है। जगह-जगह मार्ग का निर्माण अधर में है। जिससे लगातार हादसे हो रहे हैं और बड़े हादसों का खतरा बना हुआ है। पिछले माह हाईवे पर बहादराबाद में पतंजलि योगपीठ के सामने बना पुल दरक गया है। धनौरी में भी पुल धंसने से करीब डेढ़ माह से यातायात प्रभावित हो रहा है। कांवड़ मेले में भीड़ बढऩे पर इन दोनों मार्गों पर पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

दो चरणों में लागू रहेगा रूट प्लान 

कांवड़ मेले के दौरान यातायात प्लान दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला चरण 17 जुलाई से शुरू होकर 23 जुलाई तक चलेगा। जबकि दूसरा चरण 24 जुलाई को शुरू होकर मेला समाप्ति 30 जुलाई तक लागू रहेगा। पुलिस ने पैदल कांवड़ यात्रा करने वाले कांवड़ियों के अलावा, चारधाम यात्रा, भारी वाहन समेत पूरे शहर के लिए प्लान तैयार किया है। 

पैदल कांवड़ियों के लिए 

हरकी पैड़ी से गंगाजल लेने क बाद कांवडि़ए रोडीबेलवाला प्रशासनिक मार्ग से होतु हुए अलकनंदा तिराहा से दाहिने केशव आश्रम के सामने 100 मीटर बने रैंप से होते हुए नया बैराज पुल शंकराचार्य चौक से कांवड़ नहर पटरी पर भेजा जाएगा। वहीं हरकी पैड़ी से शहर के अंदर से आने वाले कांवड़ियों को रोडीबेलवाला रैंप से गुजरावाला चौक, तुलसी चौक होते हुए नहर पटरी पर भेजा जाएगा। 

रोडवेज की बसों के लिए 

17 से मेला समाप्ति तक दिल्ली मरेठ मुजफ्फरनगर से हरिद्वार आने वाली रोडवेज की बसें मंगलौर से लंढौरा से लक्सर फेरुपुर होते हुए देशरक्षक तिराहा से कनखल थाने, बंगाली मोड से होते हुए हरिराम आर्य इंटर कॉलेज पार्किंग तक आएंगे। इन बसों की वापसी शंकराचार्य चौक से मुख्य हाईवे ऋषिकुल सिंहद्वार, बहादराबाद रुड़की होते हुए होगी। दिल्ली, मरेठ, मुजफ्फरनगर से देहरादून जाने वाली बसों को रामपुर तिराहा मुजफ्फरनगर से देवबंद, छुटमलपुर होते हुए देहरादून भेजा जाएगा। 

हरियाणा, हिमाचल, सहारनपुर की ओर से हरिद्वार आने वाली बसों को छुटमलपुर, देहरादून, रायवाला, भूपतवाला होते हुए मोतीचूर पार्किंग में भेजा जाएगा। वापसी भीमगोड़ा बैराज से चीला मार्ग होते हुए की जाएगी। गढ़वाल, ऋषिकेश देहरादून से हरिद्वार आने वाली बसों को नेपालीफार्म रायवाला होते हुए मोतीचूर पार्किंग तक ही भेजा जाएगा। इन बसों की वापसी भी चीला मार्ग से होगी। देहरादून से नजीबाबाद नैनीताल जाने वाले बसें रायवाला, मोतीचूर, चंडीचौक श्यामपुर होते हुए नैनीताल भेजी जाएगी। नजीबाबाद और नैनीताल से देहरादून जाने वाली बसें नजीबाबाद से श्यामपुर चंडीचौक, नीलधारा से चीला मार्ग से ऋषिकेश और देहरादून जाएगी। 

भारी वाहनों को लिए 

भारी वाहनों के लिए भी यातायात प्लान दो चरणों में बनाया है। 17 जुलाई से मेला समाप्ति तक भारी वाहन दिन में बंद रहेंगे। हालांकि 17 से 23 जुलाई तक भारी वाहन रात के 11 बजे से सुबह के चार बजे तक चल सकेंगे। 24 से सभी प्रकार के भारी वाहन मेला समाप्ति तक बंद रहेगा। 17 से 23 तक भारी वाहन दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर से हरिद्वार आने वाले भारी वाहन मीरापुर, बिजनौर, नजीबाबाद, मंडावली, चिड़ियापुर होते हुए कांगड़ी पार्किंग में पार्क होंगे। रात को वाहनों को अन्य स्थानों में भेजा जाएगा। इन वाहनों की वापसी भी इसी मार्ग से होगी। 

नैनीताल से हरिद्वार देहरादून जाने वाले भारी वाहन चिडिय़ापुर कांगड़ी पार्किंग से पार्क होंगे एवं रात्र में निर्धारित समय चंडीघाट में मुख्य मार्ग से अपने गंतव्य को रवाना होंगे। हरियाणा सहारनपुर से हरिद्वार आने वाले भारी वाहन छुटमलपुर से देहरादून होते हुए लालतप्पड में पार्क करये जाएंगे और रात को 11 बजे से चार बजे तक हरिद्वार में आ सकेंगे। देहरादून से नैनीताल और नजीबाबाद जाने वाले वाहन देहरादून के लालतप्पड़ में पार्क करवाये जाएंगे और रात्रि 11 से चार बजे तक हरिद्वार होते हुए नैनीताल जा सकेंगे। हरिद्वार से दिल्ली, मेरठ सहारनपुर नजीबाबाद जाने वाले भारी वाहन समस्त भारी वाहन रात 11 बजे से सुबह चार बजे तक मध्य ही अपने गंतव्य स्थल जा सकेंगे। दूसरे चरण में भारी माल वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। 

यह भी पढ़ें: सावन में शिवमय महर्षि द्रोण की नगरी, 125 सालों बाद बन रहा पंच महायोग

यह भी पढ़ें: देवभूमि की विलुप्त होती लोक कलाओं का होगा संरक्षण, जानिए कैसे

यह भी पढ़ें: Chardham Yatra: आपदा के छह साल बाद केदारनाथ में बना नया कीर्तिमान, यात्रियों का आंकड़ा पहुंचा सात लाख पार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.