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मेरठ से रंगरेलियां मनाने आया युवक, फंसा हनी ट्रैप में, एक करोड़ की फिरौती देकर छूटा, पढ़ें खबर

दून में फार्म हाउस से अगवा किए गए मेरठ के कारोबारी मनोज गुप्ता को बीती देर रात अपहरणकर्ताओं ने एक करोड़ की फिरौती लेकर गजरौला जेपीनगर में बीच हाईवे पर छोड़ दिया।

By sunil negiEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2016 08:48 PM (IST)Updated: Sun, 21 Feb 2016 09:43 AM (IST)
मेरठ से रंगरेलियां मनाने आया युवक, फंसा हनी ट्रैप में, एक करोड़ की फिरौती देकर छूटा, पढ़ें खबर

देहरादून। दून में फार्म हाउस से अगवा किए गए मेरठ के कारोबारी मनोज गुप्ता को बीती देर रात अपहरणकर्ताओं ने एक करोड़ की फिरौती लेकर गजरौला जेपीनगर में बीच हाईवे पर छोड़ दिया। बताया गया कि प्रापर्टी रंजिश में कराए गए इस अपहरणकांड की साजिश मुजफ्फरनगर की एक ब्लॉक प्रमुख के पति ने रची थी। हालांकि, पुलिस अपहृत मनोज को लगातार ट्रेस करने में जुटी हुई थी, पर पुलिस से पहले ही घरवालों ने फिरौती के रूप में तीन किलो सोना और बीस लाख रुपये नगद देकर मनोज को सकुशल छुड़ा लिया। इधर, पुलिस जांच में सामने आया है कि मनोज जिस युवती के साथ आए थे, उसे अपहरणकर्ताओं ने ही मोहरा बनाकर भेजा था। उसका अभी तक कुछ पता नहीं चला है। वहीं, ब्लॉक प्रमुख पति के चार करीबियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने मनोज के सकुशल छूट जाने की पुष्टि की है।
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गौरतलब है कि मनोज गुप्ता 18 फरवरी की रात एक युवती के साथ देहरादून के डूंगा गांव स्थित अपने फार्म हाउस पर आए थे। फार्म के चौकीदार उमेश गुप्ता खाना परोस कर घर चला गया। इसके बाद सुबह वह फार्म हाऊस पहुंचा तो दोनों गायब थे। उनकी इनोवा गाड़ी भी वहां नहीं थी। चौकीदार ने पुलिस के आने से पहले बेडरूम से मिले खून से सने तकिए जला दिए। पुलिस ने मनोज के एक दोस्त की शिकायत पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। इसके बाद मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, गुडग़ांव आदि शहरों में दबिश दी गई। इस बीच मोबाइल लोकेशन व कॉल डिटेल के खंगालने पर मामले में मुजफ्फरनगर क्षेत्र की एक ब्लॉक प्रमुख के पति का नाम सामने आया।
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पुलिस ने उसे और तीन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए तीन फर्जी आइ-डी पर तीन सिम कार्ड भी लिए गए। ब्लॉक प्रमुख के पति का भतीजा टेलीकॉम कंपनी का आउटलेट चलाता है। ये सभी सिम उसी ने उपलब्ध कराए हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो युवती भी प्रमुख व उसके साथियों के कहने पर ही गुप्ता के साथ दून आई थी। अपहरण 19 फरवरी की तड़के पांच बजे के आसपास किया जाना बताया जा रहा है।
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पुलिस को 20 फरवरी की सुबह यह तो साफ हो गया कि गुप्ता के परिवार वालों से बड़ी फिरौती मांगी गई है लेकिन, परिवार वालों के अपेक्षित सहयोग न करने के कारण इस लाइन पर पुलिस ज्यादा काम नहीं कर सकी। पुलिस का मेन फोकस अपहृत मनोज को सकुशल छुड़ाने और परिवार वालों की गतिविधियों पर रहा। लेकिन, इस बीच देर रात मनोज गुप्ता को घरवालों ने अपहरणकर्ताओं की मांग पूरी कर छुड़ा लिया।
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