स्मार्ट पार्किंग: जितनी देर वाहन होगा खड़ा, जेब उतनी होगी ढीली
अब घर बैठे पार्किंग स्थल बुक कराने के लिए देहरादून स्मार्ट पार्किंग नाम से मोबाइल एप बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके तैयार होते ही पार्किंग को आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। राजपुर रोड पर (घंटाघर से सिलवर सिटी तक) 661 वाहनों की स्मार्ट पार्किंग का काम पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने पार्किंग शुल्क पर भी मुहर लगा दी है। अब घर बैठे पार्किंग स्थल बुक कराने के लिए 'देहरादून स्मार्ट पार्किंग' नाम से मोबाइल एप बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके तैयार होते ही पार्किंग को आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।
एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि पहले घंटे का शुल्क कार व दुपहिया के लिए सबसे कम रहेगा, इससे अधिक समय तक (तीन घंटे तक) का शुल्क कुछ अधिक, मगर फिक्स रहेगा। जबकि तीन घंटे की अवधि पूरी होने तक चौपहिया व दुपहिया वाहन का शुल्क प्रति घंटे की दर से चार्ज किया जाएगा। उपाध्यक्ष डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि यह एक तरह की ऑन स्ट्रीट पार्किंग है, जिसे राजपुर रोड पर सड़क के दोनों छोर पर खाली स्थान पर विकसित किया गया है। पार्किंग स्थलों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। ताकि वाहनों की पूरी निगरानी की जा सके। इसके अलावा पार्किंग की व्यवस्था संभालने वाले कर्मचारियों के पास टिकट देने के लिए हैंड हेल्ड मशीन भी होगी। जैसे ही मशीन पर टिकट दर्ज किया जाएगा, उसका पूरा ब्योरा ऑनलाइन पार्किंग के कमांड कंट्रोल सेंटर पर आ जाएगा।
इस तरह रहेगा पार्किंग शुल्क
पहले घंटे तक
- कार के लिए 25 रुपये और दुपहिया वाहनों के लिए 15 रुपये।
एक से अधिक व तीन घंटे तक
- कार के लिए 50 रुपये व दुपहिया वाहनों के लिए 25 रुपये।
तीन घंटे से अधिक समय पर
- कार के लिए प्रति घंटे 50 रुपये व दुपहिया के लिए 25 रुपये प्रतिघंटे।
661 वाहनों की पार्किंग का विवरण
- राजपुर रोड पर घंटाघर से सिल्वर सिटी तक सड़क के दोनों तरफ 28 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।
- सबसे अधिक 21 उपयुक्त स्थल घंटाघर से राजपुर रोड की तरफ बढ़ते हुए बायीं तरफ हैं। वाहनों का सर्वाधिक दबाव भी बायीं तरफ ही रहता है।
- कार के लिए सड़क की तरफ पांच मीटर लंबाई व 2.2 मीटर चौड़ाई प्रति कार के हिसाब से आरक्षित की गई है, जबकि दुपहिया के लिए यह स्थल लंबाई में दो मीटर व चौड़ाई में 1.8 मीटर आरक्षित की गई है।
- ऑन स्ट्रीट पार्किंग स्थल पर जगह-जगह बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि दूर से ही यह पता चल सके कि वहां पर वाहन पार्क किए जा सकते हैं।
स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल को दी एनओसी
एमडीडीए के ट्रांसपोर्ट प्लानर जगमोहन सिंह ने बताया कि आराघर चौक से मसूरी डावर्जन तक लगने वाले ट्रैफिक के स्मार्ट सिग्नल के लिए निर्माण कंपनी ब्रिडकुल को एनओसी दे दी गई है। ताकि ब्रिडकुल इस मार्ग के सभी चौराहों व तिराहों पर स्मार्ट सिग्नल लगा सके। एक स्मार्ट सिग्नल वाले पोल की कीमत करीब 20 से 25 लाख रुपये होने का अनुमान है। इस राशि को ब्रिडकुल स्वयं वहन करेगा। ऐसे पोल पर विज्ञापन आदि से ब्रिडकुल अपना खर्चा निकालेगा और करीब 20 साल तक पोल व सिग्नल के रखरखाव की जिम्मेदारी निर्माण कंपनी की ही होगी।
स्मार्ट सिग्नल से यह होगा फायदा
- यह सिग्नल सभी लेन के ट्रैफिक की स्थिति का ऑटोमैटिक ढंग से आकलन करेगा और जिस लेन पर दबाव अधिक होगा, वहां के वाहनों के लिए ग्रीन सिग्नल जारी कर देगा।
- इसके साथ ही रेड लाइट जंप करने वाले वाहनों की पहचान भी स्वयं हो जाएगी और उसके नंबर की सूचना कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को स्वत: ही चली जाएगी।
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