25 घंटे बाद यमुनोत्री राजमार्ग सुचारु, यात्रा मार्ग पर फंसे दस हजार से अधिक श्रद्धालु अगले पड़ावों के लिए रवाना
राना चट्टी से लेकर जानकी चट्टी व खरसाली के बीच वापस लौटने और बड़कोट से लेकर राना चट्टी तक यमुनोत्री जाने वाले दस हजार से अधिक यात्री हाईवे खुलने के इंतजार में गुरुवार की शाम तक जगह-जगह फंसे रहे।
संवाद सूत्र बड़कोट (उत्तरकाशी) : गत बुधवार की शाम पांच बजे के करीब भूधंसाव के कारण बंद हुआ यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग गुरुवार की शाम को 25 घंटे बाद सुचारू हो सका। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बड़कोट खंड व लोनिवि बड़कोट की टीम बुधवार की रात से राजमार्ग को खोलने में युद्ध स्तर पर जुटी रही। राजमार्ग अवरुद्ध रहने के दौरान बड़कोट से जानकी चट्टी तक जगह-जगह दस हजार से अधिक यात्रियों ने तमाम परेशानियों के बीच जूझते हुए रात काटी। राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध होने का असर यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या पर भी दिखा। वीरवार को केवल 738 यात्रियों ने ही दर्शन किए।
यमुनोत्री धाम से 25 किलोमीटर पहले राना चट्टी के पास बुधवार की शाम बारिश से हाईवे का 15 मीटर हिस्सा धंस गया। इससे राना चट्टी से लेकर जानकी चट्टी व खरसाली के बीच वापस लौटने और बड़कोट से लेकर राना चट्टी तक यमुनोत्री जाने वाले दस हजार से अधिक यात्री हाईवे खुलने के इंतजार में गुरुवार की शाम तक जगह-जगह फंसे रहे। गुरुवार शाम छह बजे राजमार्ग जब सुचारू हुआ तब इन यात्रियों के वाहन यहां से निकल पाए। इस दौरान जानकी चट्टी से लेकर पाली गाड़ तक करीब 35 किलोमीटर के क्षेत्र में लंबा जाम लगा रहा है। वहीं धाम में वीरवार को 738 यात्री ही पहुंचे, जबकि अन्य दिनों में यहां रोजाना सात से आठ हजार तक यात्री दर्शनों के लिए पहुंचते थे। बड़कोट की उपजिलाधिकारी शालिनी नेगी बताया कि बुधवार की रात करीब नौ बजे राजमार्ग को खोलने का काम शुरू हुआ। राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए ब्लाङ्क्षस्टग भी करनी पड़ी। साथ ही आलवेदर निर्माण में लगी मशीनों की मदद भी ली।
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गुरुवार की दोपहर के समय कुछ देर के लिए छोटे वाहनों के लिए राजमार्ग को खोला गया। शाम छह बजे सभी वाहनों की आवाजाही के लिए मार्ग सुचारू कर दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बड़कोट खंड के ईई राजेश कुमार पंत ने बताया कि बुधवार की पूरी रात फोकस लाइट की मदद से राजमार्ग को खोलने का कार्य युद्ध स्तर पर किया गया। स्थाई रूप से राजमार्ग को सुचारू करने में समय लगेगा, जिस हिस्से में भूधंसाव हुआ है, वहां वायरकेट दीवार बनाई जा रही है, जिससे भूधंसाव को रोका जा सके।
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