नवरात्र: एक कन्या में मां के नौ रूप देख करें पूजा, पढ़िए पूरी खबर
शास्त्रों का हवाला देते हुए पंडितों की माने तो महामारी की ऐसी स्थिति में घर पर एक कन्या को आमंत्रित कर उसकी पूजा कर मां दुर्गा को प्रसन्न किया का सकता है।
देहरादून, जेएनएन। कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए इस समय पूरा देश घर की लक्ष्मण रेखा के अंदर है। इस समय चैत्र नवरात्र भी चल रहे हैं। ऐसे में व्रतियों के सामने इस स्थिति में कन्याओं को पूजने की चिंता है। भीड़ भी न हो और देवी मां भी प्रसन्न हो इसके विकल्प के लिए व्रती एक-दूसरे से फोन पर वार्ता कर रहे हैं, लेकिन अब पंडितों ने एक कन्या पूजन को सर्वोपरि माना है। धार्मिक मान्यता और शास्त्रों का हवाला देते हुए पंडितों की माने तो महामारी की ऐसी स्थिति में घर पर एक कन्या को आमंत्रित कर उसकी पूजा कर मां दुर्गा को प्रसन्न किया का सकता है।
आगामी एक अप्रैल को अष्ठमी, जबकि दो को नवमी के दिन कन्याएं पूजी जाएंगी। आचार्य अमित थपलियाल ने बताया कि शास्त्रों के मुताबिक नवरात्र के दिनों में एक से 11 विषम संख्या में अपनी क्षमता के अनुसार कन्या का पूजन करना चाहिए। इस कठिन समय में आप किसी एक कन्या को पूज सकते हैं।
पंडित सुभाष जोशी का कहना है कि इस नवरात्र में आप कन्या पूजन के लिए अपने घर की बेटी, भतीजी और अन्य कन्याओं को भोजन करवाकर उनका पूजन करें, लेकिन पूजन से पहले आप हाथ में जल लेकर यह संकल्प करें कि नवरात्र में कन्या पूजन के लिए मैं अपनी पुत्री को देवी मानकर उनका पूजन करूंगी। सरस्वती विहार स्थित शिव मंदिर के पंडित सुशांत जोशी ने बताया कि शास्त्रों में भी एक कन्या को एक करोड़ के समान बताया है। देश की कुशलता के लिए इस रक्तबीज रूपी कोरोना को खत्म करने की प्रार्थना करते हुए एक कन्या का पूजन विधिविधान के साथ करें।
संतान सुख के लिए की स्कंदमाता की पूजा
चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन दुर्गा माता के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा अर्चना की गई। भक्तों ने घरों पर ही श्रद्धाभाव के साथ मां का पूजन कर आशीर्वाद लिया। रविवार को माता शीतला मंदिर, मां डाटकाली मंदिर, श्यामसुन्दर मंदिर पटेलनगर, स्वर्गापुरी मंदिर निरंजनपुर, माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर, शिव मंदिर सरस्वती विहार के अलावा शहर के अन्य मंदिरों में पंडितों ने पूजा की।
कन्या पूजन की राशि सीएम राहत कोष में करें जमा
माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर टपकेश्वर के संस्थापक आचार्य विपिन जोशी ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि इस बार कन्या पूजन और नवरात्रि भंडारे की राशि मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री राहत कोष में दान करें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में इस समय अपने आसपास जरूरतमंदों की मदद करें। पशुओं को खाना खिलाएं और पानी पिलाएं, इससे परिवार का कष्ट भी दूर होता है। आचार्य जोशी ने बताया कि उन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री राहत कोष में अपनी ओर से कन्या पूजन में होने वाली खर्च की राशि सहयोग स्वरूप दी। अन्य लोगों को भी इस अभियान में भागीदारी निभानी चाहिए।
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आपके घर में हैं पूजा सामग्री
बाजार में पूजन सामग्री नहीं मिल रही है और देवी मंदिरों में भी श्रद्धालु देशकाल परिस्थिति के कारण नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में आप अपने घर में ही श्रद्धाभाव से मां दुर्गा को प्रसन्न कर सकते हैं। दुर्गा मां की तस्वीर के समुख प्रकाश देने वाले दीपक को प्रज्वलित करें। एक पात्र में गंगाजल लें और अपने देवी देवताओं को पुष्प अर्पित करें। प्रसाद के लिए महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के नाम के तीन आटे के रोट बनाएं। इन तीनों देवियों में नौ देवियों का स्वरूप हैं। जो सामग्री घर में उपलब्ध है उसी से पूजा करें। सुबह शाम दुर्गा आरती, गायत्री मंत्री का जाप करें। अंतिम दिन घर में हवन के लिए सामग्री नहीं तो कोई बात नहीं हैं। इसके लिए चीनी और चावल का प्रयोग करें। अगर जौ, तिल, घी, इलायची (छोटी) उपलब्ध है तो इसका भी हवन सामग्री में उपयोग कर सकते हैं। निश्चित रूप से आपकी पूजा फलदायी होगी।
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