World COPD Day: सर्दियों में ज्यादा सतर्कता बरतें सीओपीडी के मरीज, फेफड़ों पर रोग के लक्षणों को बढ़ा देती है सर्दी
World COPD Day 2021 सीओपीडी के मरीजों को ठंड में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। विश्व सीओपीडी दिवस को लेकर मैक्स अस्पताल में हुए कार्यक्रम में चिकित्सकों ने सीओपीडी के मरीजों को बदलते मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। World COPD Day 2021 क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के मरीजों को ठंड में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है। विश्व सीओपीडी दिवस को लेकर मैक्स अस्पताल में हुए कार्यक्रम में चिकित्सकों ने सीओपीडी के मरीजों को बदलते मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि सीओपीडी दिवस की थीम 'हेल्दी लंग्स-नेवर मोर इम्पोर्टेंट' है।
पल्मोनोलाजी के एसोसिएट डायरेक्टर डा. पुनीत त्यागी ने कहा कि अक्सर लोग सांस फूलने और खांसी को उम्र बढ़ने का सामान्य हिस्सा मानते हैं। शुरुआती चरणों में बीमारी का पता नहीं चलता। गंभीर होने पर फेफड़ों के अंदर और बाहर वायु प्रवाह में रुकावट होना शुरू हो जाती है, जिससे रोगी का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। लगातार धूमपान की वजह से यह कैंसर का रूप धारण कर लेता है। सीओपीडी उन लोग में भी हो सकता है, जिनका कार्यस्थल में रसायन, धूल या धुंए के साथ लंबे समय तक संपर्क रहा हो।
देश में खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में लोग लकड़ी का कोयला जलाकर खाना पकाते हैं, जिससे वे जहरीले धुंए के संपर्क में आ जाते हैं। यह धूमपान न करने वालों में सीओपीडी का एक प्रमुख कारण है। मौसम में बदलाव के साथ सीओपीडी वाले लोगों में बीमारी का खतरा अधिक होता है। ठंड का मौसम सीओपीडी वाले मरीजों के फेफड़ों पर रोग के लक्षणों को बढ़ा देता है और श्वसन तंत्र में बदलाव के कारण उन्हें ज्यादा संक्रमित करता है।
सीनियर कंसल्टेंट डा. वैभव चाचरा ने कहा कि सीओपीडी में दवा, आक्सीजन थेरेपी, या पल्मोनरी रिहेबिलिटेशन के अलावा व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए, ताकि वह स्वस्थ रह सके। उन्होंने धूमपान छोडऩे, पौष्टिक आहार लेने, सक्रिय रहने और अपने लिए सुरक्षित वातावरण बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण, धुंए और निष्क्रिय धूमपान से बचें, चूल्हे पर खाना बनाना बंद करें।
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