World Bicycle Day: साइकिल चलाएंगे तो इम्युनिटी रहेगी चुस्त, पर्यावरण होगा तंदरुस्त
World Bicycle Day साइक्लिंग (साइकिल चलाना) न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है बल्कि मोटर वाहनों की जगह इसका इस्तेमाल करने से पर्यावरण की सेहत भी सुधर सकती है। इसी को ध्यान में रखकर 2018 से हर वर्ष तीन जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। World Bicycle Day साइक्लिंग (साइकिल चलाना) न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद है, बल्कि मोटर वाहनों की जगह इसका इस्तेमाल करने से पर्यावरण की सेहत भी सुधर सकती है। इसी को ध्यान में रखकर 2018 से हर वर्ष तीन जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य सरल, किफायती, भरोसेमंद परिवहन के साथ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है।
दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारे देश में एक वक्त शान की सवारी मानी जाने वाली साइकिल आधुनिकता की दौड़ में कहीं पीछे छूट गई। उसकी जगह मोटरसाइकिल और कार ने ले ली। अब कोरोनाकाल में एक बार फिर आमजन का रुझान साइकिल की तरफ बढ़ा है। यह सुखद है। सेहत के साथ ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रहे पर्यावरण के लिहाज से भी। विशेषज्ञों की मानें तो प्रतिदिन 30 मिनट साइकिल चलाने से हमारे शरीर में मौजूद इम्यून सेल सक्रिय हो जाते हैं। इससे बीमार होने का खतरा कम हो जाता है। रोजाना साइकिल चलाने से मस्तिष्क भी अधिक सक्रिय रहता है, जो कैचिंग पावर (चीजों को समझने की शक्ति) को बढ़ाता है। इसलिए आप भी रोजाना साइकिलिंग कीजिए और अपनी इम्युनिटी (शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता) को सेहतमंद बनाइये।
इसलिए रोज चलाएं साइकिल
फिटनेस ट्रेनर और फिटनेस एसोसिएशन उत्तराखंड के संयोजक पंकज भारद्वाज बताते हैं कि रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाने से पेट की चर्बी कम होती है। फिटनेस बरकरार रहती है। इम्यून सिस्टम ठीक तरीके से काम करता है। इसके अलावा लगातार साइकिल चलाने से घुटने और जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। पंकज के अनुसार रोजाना साइकिल चलाने से व्यक्ति के मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है और उसका मस्तिष्क अन्य व्यक्तियों के मुकाबले ज्यादा सक्रिय रहता है।
रोजाना साइक्लिंग के फायदे
- शरीर का रक्त संचार सुधरता है। इससे हृदय को रक्त की अधिक आपूर्ति होती है, जिससे वह स्वस्थ रहता है।
- मस्तिष्क में नई कोशिकाएं बनती हैं, जिससे मस्तिष्क की ताकत बढ़ती है।
- शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न होती है। इससे फैट घटाने में मदद मिलती है।
- मस्तिष्क में हेल्प हार्मोन बनने लगते हैं, जिससे स्ट्रेस दूर होता है।
- पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- रक्त कोशिकाओं और त्वचा में आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति होती है। इससे त्वचा में निखार आता है।
अहमदाबाद से दून मंगवाई साइकिल
दून के युवाओं में साइकिल के बढ़ते क्रेज को इससे समझा जा सकता है कि कोविड कर्फ्यू के चलते बीते दिनों बाजार बंद हो गए तो नालापानी निवासी रजत चौधरी ने अपने और अपने भाई के लिए गुजरात के अहमदाबाद से ऑनलाइन दो साइकिल मंगवाई हैं। ऐसे और भी कई लोग हैं।
जिम का विकल्प भी बनी
कोरोनाकाल में लॉकडाउन के बाद अब कोविड कर्फ्यू में भी साइकिल ने युवाओं को जिम की कमी नहीं खलने दी। प्रेमनगर स्थित एक जिम के संचालक शुभम पंवार ने बताया कि जिम बंद होने के बाद से वह खुद रोजाना साइक्लिंग कर रहे हैं। घर का सामान लाने व आसपास जाने के लिए साइकिल का ही इस्तेमाल करते हैं।
लॉकडाउन खुला तो बढ़ी मांग
बीते साल जब लॉकडाउन खुला तो साइकिल की मांग एकाएक बढ़ गई। साइकिल स्टोर संचालकों के मुताबिक बीते साल से साइकिल की मांग करीब 20 फीसद बढ़ी है। साइकिल के खरीदारों में 60 फीसद युवा हैं।
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