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पर्यावरण एवं जीव विज्ञान पर साझा किए अनुभव

डीएवी पीजी कॉलेज में पर्यावरण एवं जीव विज्ञान में शोध विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। इसमें पर्यावरण एवं जीव विज्ञान पर अनुभव साझा किए गए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 23 Jun 2018 06:46 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 05:18 PM (IST)
पर्यावरण एवं जीव विज्ञान पर साझा किए अनुभव

देहरादून, [जेएनएन]: भारतीय पर्यावरण विज्ञान परिषद और डीएवी पीजी कॉलेज के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा 'पर्यावरण एवं जीव विज्ञान में शोध: वर्तमान परिदृश्य एवं भविष्य की चुनौतियां' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार शुक्रवार से शुरू हुआ। डीएवी पीजी कॉलेज के पं. दीनदयाल सभागार में आयोजित सेमीनार में देशभर से आए वैज्ञानिकों ने अपने विचार रखे। साथ ही शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। 

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सेमीनार का शुभारंभ करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस परिषद कोलकता के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एके सक्सेना ने पर्यावरण और जीव विज्ञान विषयों में वर्तमान समय में चल रहे शोध कार्यों एवं उनकी सामाजिक उपयोगिता और भविष्य में इसमें आने वाली चुनौतियों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि पुराने समय में जीव और वनस्पतियों की संरचना पर शोध कार्य ज्यादा हुआ करते थे। लेकिन आज इनकी जैविक संरचना और जेनेटिक गुणधर्मों पर शोध हो रहे हैं। 

भारतीय पर्यावरण विज्ञान परिषद के अध्यक्ष प्रो. बीडी जोशी ने कहा कि शोध कार्यों से उत्पन्न परिणामों के आधार पर ही सामाजिक उत्थान की नींव रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रहा प्रदूषण इंसानी जीवन के लिए खतरनाक है। परिषद सचिव प्रो. पीसी जोशी ने बताया कि परिषद पिछले 32 सालों से देशभर में जीव विज्ञान और वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही है। 

डीएवी कॉलेज प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। संयोजक डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी में देशभर से 162 वैज्ञानिक और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान प्रो. बीएन पांडे, प्रो. एसपी त्रिवेदी, प्रो. कमल जयसवाल,प्रो. एमपी रघुनाथन, प्रो. नमिता, प्रो. विनीता शुक्ला, डॉ. रवि शरण दीक्षित, डॉ. सत्यव्रत त्यागी समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे। 

इन्हें मिला गोल्ड मेडल 

प्रो. विनीता शुक्ला, प्रो. यूथपा मुरगुनदम, प्रो. एसपी त्रिवेदी, प्रो. अक्षय पानिग्रही, प्रो. जावेद पैरी, डॉ. एके पांडे। 

इनको मिली फैलोशिप 

डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. राखी उपाध्याय, डॉ. मधु मेहरा, डॉ. जेवीएस रौथान, डॉ. संजय कुमार, डॉ. आभा त्रिवेदी, डॉ. अनुराधा शुक्ला, डॉ. विनोद कुमार। 

इन्हें मिला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 

डॉ. एके पांडेय। 

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