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उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू का प्रकोप जारी, देहरादून में आठवीं मौत

स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सिनर्जी अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। इसके बाद अब स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या आठ हो गई है।

By Edited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 09:28 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:54 AM (IST)
उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू का प्रकोप जारी, देहरादून में आठवीं मौत
उत्तराखंड में स्वाइन फ्लू का प्रकोप जारी, देहरादून में आठवीं मौत

देहरादून, जेएनएन। स्वाइन फ्लू का वायरस एक के बाद एक लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। देहरादून व आसपास के इलाकों में यह वायरस न सिर्फ तेजी से पैर पसार रहा है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग जहां 'डेथ ऑडिट' के फेर में उलझा है और इस बीमारी से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्वाइन फ्लू के कारण सिनर्जी अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। जिसके बाद अब स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। 

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इनमें एक मरीज यूपी का रहने वाला था। वहीं, छह मरीजों का अब भी शहर के विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता के मुताबिक शुक्रवार को मेहूंवाला निवासी 65 साल की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। वह स्वाइन फ्लू से पीड़ित थीं और 13 दिन से यहा उनका उपचार चल रहा था। 

उन्होंने बताया कि अभी तीन मरीज सिनर्जी, एक श्री महंत इंदिरेश अस्पताल एवं दो मरीज मैक्स अस्पताल में भर्ती हैं। एक मरीज अपने घर चला गया है। बताया कि सभी अस्पतालों से प्राप्त सैंपलों की जाच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गई है। अस्पतालों को इसकी जानकारी देकर अलर्ट रहने को कहा गया है। 

डेथ ऑडिट पर उलझा विभाग 

पिछले एक पखवाड़े में स्वाइन फ्लू के कारण आठ लोगों की मौत हो चुकी है। हद देखिए, स्वास्थ्य महकमा अपनी खाल बचाने में जुटा है। अब डेथ ऑडिट के नाम पर ध्यान बंटाने की कोशिश की जा रही है। कोई दो राय नहीं कि अधिकारी इन मौत का कारण कुछ और बता दें। 

स्वाइन फ्लू के कारण सबसे ज्यादा छह मौत, श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में हुई हैं। एक के बाद एक मौत से सकते में आए अधिकारियों ने डेथ ऑडिट का शिगूफा छोड़ दिया। कहा गया कि इनमें कई मरीज अन्य बीमारी से भी पीड़ित थे। 

चिकित्सकों का ही कहना है कि मधुमेह, किडनी, हृदय और फेफड़ों के रोग से पीड़ित मरीजों को खास सतर्कता बरतने की जरूरत है। वहीं, बच्चों, बुजुर्गो और गर्भवती महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण भी स्वाइन फ्लू का खतरा बढ़ जाता है। डेथ ऑडिट के नाम विभाग कोई ऐसी खामी ढूंढ रहा है, जिससे मौत का यह ग्राफ खिसक कर नीचे आ जाए।

कहा जा रहा है कि इस बात की भी जांच की जाएगी कि श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में स्थापित मशीन का एग्रीग्रेडेशन भी हुआ है, या नहीं। इन बातों से साफ है कि मौत के आंकड़ों को लेकर भीतरखाने खेल चल रहा है।

स्वाइन फ्लू को लेकर अब सीबीएसई का भी एलर्ट

स्वाइन फ्लू को लेकर सीबीएसई बोर्ड भी अब हरकत में आ गया है। क्षेत्रीय कार्यालय ने इस विषय पर स्कूलों को एडवाइजरी जारी की है। छात्र व अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश भी स्कूलों को दिए हैं। 

सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह द्वारा जारी जारी पत्र में कहा गया है कि स्वाइन फ्लू के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में एहतियात बरतनी जरूरी है। बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों को हिदायत दी गई है कि वह एहतियात के साथ ही जागरूकता को लेकर भी कदम उठाएं।

प्रार्थना सभा, पीटीएम व अन्य कार्यक्रम में इस विषय की जानकारी देने को कहा गया है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अभिभावकों को एसएमएस के माध्यम से स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूक किया जाए। आम तौर पर इस वायरस के वाहक सूअर होते हैं। ऐसे में इस ओर भी सर्तकता बरतनी जरूरी है। स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। इसे लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।

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