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उत्तराखंड में डेंगू का कहर, दून में महिला की मौत; पीड़ितों की संख्या 254 पहुंची

दून में डेंगू पीड़ित एक और महिला मरीज ने दम तोड़ दिया। वहीं ताजा रिपोर्ट में देहरादून में डेगू के 27 नए मामले सामने आए हैं। इस तरह प्रदेश में डेंगू पीड़ितों की संख्या 254 पहुंच गई ह

By BhanuEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 09:18 AM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 09:18 AM (IST)
उत्तराखंड में डेंगू का कहर, दून में महिला की मौत; पीड़ितों की संख्या 254 पहुंची
उत्तराखंड में डेंगू का कहर, दून में महिला की मौत; पीड़ितों की संख्या 254 पहुंची

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। दून में डेंगू पीड़ित एक और महिला मरीज ने दम तोड़ दिया। वहीं, ताजा रिपोर्ट में देहरादून में डेगू के 27 नए मामले सामने आए हैं। इस तरह प्रदेश में डेंगू पीड़ितों की संख्या 254 पहुंच गई है। 

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जानकारी के अनुसार दून में ओल्ड सर्वे रोड निवासी 26 वर्षीय महिला की मौत डेंगू से हुई। तबीयत ज्यादा खराब होने पर महिला को बुधवार की रात कोरोनेशन अस्पताल से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। महिला को तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ व लिवर में संक्रमण भी था। वह हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित बताई गई है। 

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में महिला को वेंटीलेटर पर रखा गया था। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि महिला की मौत डेंगू के कारण हुई है। उसकी रैपिड व एलाइजा, दोनों जांच कराई गई है। हालांकि जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता का कहना है कि जांच रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली है। रिपोर्ट देखने के बाद ही वह कुछ कह सकते हैं। 

उधर, देहरादून में डेगू के 27 नए मामले सामने आए हैं। डेगू के बढ़ते मामलों को देख स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। विभाग को सूझ नहीं रहा है कि डेंगू के कहर पर लगाम कसने के लिए आखिर क्या उपाय अमल में लाए जाएं। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में पिछले डेढ़ माह से भी कम समय में डेगू मरीजों की संख्या 254 हो गई है। इनमें भी देहरादून जनपद से अकेले 245 मरीज शामिल हैं। 

अन्य जनपदों से डेगू के नौ मरीज अब तक सामने आ चुके हैं। जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि जिन नए मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है वह रायपुर, धर्मपुर, चुक्खुवाला, चंदरनगर, शांति विहार, पार्क रोड, वाणी विहार, दीपनगर, अधोईवाला, सहस्त्रधारा, नेशविला रोड, नेहरू कालोनी, विजय पार्क, आमवाला व करनपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। बताया कि स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की टीम ने डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को बीमारी की रोकथाम व बचाव के प्रति जागरूक किया है।

घर में डेंगू के मच्छर का लार्वा मिला तो कटेगा चालान

डेंगू के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए स्वास्थ्य महकमा भी पसोपेश की स्थिति में है। डेंगू पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में अंतरविभागीय समन्वय बैठक बुलाई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक व अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर निगम, शिक्षा विभाग, जल संस्थान, सिंचाई विभाग, मौसम विभाग, दून मेडिकल कॉलेज व सीबीएसई बोर्ड के अधिकारियों ने भाग लिया। 

बैठक में डेंगू के प्रभावी नियंत्रण व बचाव के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। यह भी तय किया गया कि अब स्वास्थ्य विभाग उन घरों को चिह्नित करेगा जहां पर मच्छर के लार्वा पैदा हो रहे हैं।

पंत ने नगर निगम के मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश जोशी को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिह्नित घरों की सूची के अनुसार नगर निगम उनका निरीक्षण करे और ऐसे घरों का चालान किया जाए, जहां डेंगू के मच्छर का लार्वा पाया जाएगा। कहा कि बेहतर स्वास्थ्य प्रत्येक नागरिक की प्राथमिकता है। इसलिए सभी सहयोगी विभागों को भी स्वास्थ्य के मामले में सतर्क रहना होगा। 

कहा कि शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग को भी डेंगू के मामले में अधिक सजग रहना चाहिए। क्योंकि बच्चों में यदि डेंगू होता है तो वह सबसे गंभीर स्थिति हो जाती है। कहा कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान डेंगू से बचाव व नियंत्रण के बारे में छात्र-छात्राओं को जागरूक किया जाए। शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठक के दौरान भी बीमारी की जानकारी और माता-पिता के लिए डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण के बारे में विद्यालयों द्वारा परिपत्र जारी किए जाने चाहिए। कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के विद्यालयों के शिक्षकों का ओरिएंटेशन भी किया जाना चाहिए। ताकि बच्चों को सही जानकारी मिल सके। 

स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडे ने प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूलों को शिक्षा निदेशक के स्तर से हेल्थ एडवाइजरी जारी करने के लिए कहा। कहा कि बच्चों के यूनिफार्म पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि बच्चे पूरी तरह शरीर को ढकने वाली यूनिफार्म पहनकर स्कूल आते हैं तो उन्हें मच्छर डंक नहीं मार सकता है। 

उन्होंने सभी विभागों से अपील कि है कि डेंगू की रोकथाम व बचाव में वह अपनी भूमिका के अनुसार कार्य करें, अन्यथा डेंगू पर नियंत्रण पाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। बैठक में डॉ. पंकज कुमार सिंह, डॉ. अमिता उप्रेती, डॉ. अंजलि नौटियाल, डॉ. तृप्ति बहुगुणा, डॉ. एसपीएस नेगी, डॉ. कैलाश जोशी आदि उपस्थित रहे।

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