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दीपावाली पर नहीं होगा बिजली का संकट, खुद की बिजली से रोशन होगा उत्तराखंड

दीपावली पर खुद की बिजली से ही ऊर्जा प्रदेश जगमग होगा। प्रदेश को नेशनल ग्रिड से बिजली लेने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि जरूरत पड़ने पर बिजली लेने का विकल्प भी रखा गया है।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 10:57 AM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 09:08 PM (IST)
दीपावाली पर नहीं होगा बिजली का संकट, खुद की बिजली से रोशन होगा उत्तराखंड
दीपावाली पर नहीं होगा बिजली का संकट, खुद की बिजली से रोशन होगा उत्तराखंड

देहरादून, जेएनएन। दीपावली पर खुद की बिजली से ही ऊर्जा प्रदेश जगमग होगा। प्रदेश को नेशनल ग्रिड से  बिजली लेने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि,  जरूरत पड़ने पर बिजली लेने का विकल्प भी रखा गया है।  

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उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन ने धनतेरस से भैया दूज तक सुचारु बिजली आपूर्ति देने की तैयारी की है। कार्पोरेशन के आंकड़ों के मुताबिक आम दिनों में औसतन 34-35 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत पड़ती है। इनमें 7-8 मिलियन यूनिट बिजली फैक्ट्री, उद्योग में खपत हो जाती है। 

प्रबंधन का दावा है कि दीपावली पर सार्वजनिक अवकाश होने की वजह से पावर कार्पोरेशन पर यह लोड नहीं रहेगा। पावर कार्पोरेशन के अनुसार दीपावली पर सिर्फ 27-28 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत होगी। बहुत लोड पड़ने पर भी 30 मिलियन यूनिट की जरूरत पड़ सकती है। इसके बाद भी कार्पोरेशन के पास पर्याप्त बिजली उपलब्ध रहेगी। 

इसके अलावा यूजेवीएन भी 40-43 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कर रहा है। उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्र ने बताया कि दीपावली पर फैक्ट्री, उद्योग में छुट्टी होने से बिजली का लोड कम रहेगा। दीपावली पर 27-28 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत है, जो उपलब्ध है। स्टैंड बाई के लिए नेशनल ग्रिड से लेंगे। दीपावली पर बिजली आपूर्ति सुचारु रहेगी। 

स्टाफ को 24 घंटे रहना होगा अलर्ट

दीपावली पर ऊर्जा निगम के फील्ड  स्टाफ को 24 घंटे अलर्ट पर रहेंगे। ट्रिपिंग, फाल्ट, फ्यूज उडऩे आदि किसी भी शिकायत पर फील्ड कर्मी तुरंत कार्रवाई करेंगे और प्रभावित क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति सुचारु करेंगे। 

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कॉल सेंटर पर करे शिकायत, तुरंत होगी कार्रवाई 

बिजली आपूर्ति में बाधित होने पर कॉल सेंटर 1912 नंबर पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। कॉल सेंटर पर 30 टेलीकॉलर शिकायत दर्ज करने के लिए तैनात किए गए हैं। शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो इसके लिए ईई, एसडीओ की टीमें बनाई गई हैं।

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