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Uttarakhand Weather : मौसम के तेवर तल्ख, मंगलवार और बुधवार को भारी बारिश का आरेंज अलर्ट, भूस्खलन की चेतावनी भी

Uttarakhand Weather मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना जताते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया है। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और नदी-नालों में उफान की चेतावनी भी जारी की गई है।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 07:57 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 07:57 AM (IST)
Uttarakhand Weather : मौसम के तेवर तल्ख, मंगलवार और बुधवार को भारी बारिश का आरेंज अलर्ट, भूस्खलन की चेतावनी भी
Uttarakhand Weather : मंगलवार और बुधवार को भारी बारिश का आरेंज अलर्ट

जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Weather : मानसून की दस्तक से पहले ही उत्तराखंड में मौसम के तेवर तल्ख हो गए हैं। खासकर कुमाऊं में भारी वर्षा परेशानी बन गई है। नदी-नालों के उफान पर होने के साथ ही कई जगह सड़कें और पैदल पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

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मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना जताते हुए आरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और नदी-नालों में उफान की चेतावनी भी जारी की गई है। मंगलवार को देहरादून में हल्‍की बूंदाबांदी हुई। ऋषिकेश, पौड़ी, कोटद्वार, चमोली, रुद्रप्रयाग, गंगोत्री, यमुनोत्री और टिहरी सहित लगभग सभी क्षेत्रों में बादल छाए रहे। बाद में ऋषिकेश और कोटद्वार में बारिश भी हुई। 

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में आज और कल भारी वर्षा हो सकती है। देहरादून, नैनीताल, चम्पावत और पौड़ी में गरज के साथ भारी वर्षा की आशंका है। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। उत्तरांखड में मानसून अगले तीन दिन में पहुंचने की उम्मीद है।

त्यूणी: सूखे की मार झेल रहे किसानों की मदद करे सरकार

इस बार समय से वर्षा नहीं होने से बेहाल जौनसार-बावर के किसानों ने सरकार से त्यूणी और साहिया क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। सूखे के कारण कृषि एवं नकदी फसलें बर्बाद होने से प्रभावित किसानों ने प्रभारी तहसीलदार के माध्यम से जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। वहीं, कृषि उत्पादन मंडी समिति चकराता-साहिया के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान ने किसानों की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी से क्षेत्र के अस्सी फीसद गांवों को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की। उन्होंने सरकार से सूखा प्रभावित किसानों को राहत पैकेज दिलाने की पैरवी की।

जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में करीब 70 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों की आर्थिकी कृषि-बागवानी से चलती है। यहां खेती-बागवानी से जुड़े किसान परिवार इस बार मौसम की मार से बेहाल हैं। क्षेत्र के सीमांत इलाकों में लोग बड़े पैमाने पर टमाटर, गागली-अरवी, बींस, हरी मिर्च, आलू, अदरक, शिमला मिर्च, पहाड़ी दालें, बेमौसमी सब्जियां एवं अन्य कृषि फसलों का उत्पादन करते हैं। पहाड़ के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में सिंचाई संसाधनों की कमी से कृषि एवं नकदी फसलें वर्षा पर ही निर्भर है।

मौसम की बेरुखी के चलते त्यूणी तहसील से जुड़े करीब 60 गांवों व तोक-मजरों और साहिया क्षेत्र के कई गांवों के किसान खास तौर से प्रभावित हैं। सूखा पडऩे से किसान परिवारों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई। सूखे की मार से बेहाल ग्रामीण किसानों ने सोमवार को युवा नेता अनिल जोशी के नेतृत्व में तहसील कार्यालय में जाकर प्रभारी तहसीलदार जेएस नेगी को ज्ञापन सौंपा और सरकार से त्यूणी क्षेत्र को पूर्णत सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की।

वहीं, राज्य कृषि उत्पादन मंडी समिति चकराता-साहिया के अध्यक्ष जगमोहन ङ्क्षसह चौहान ने इस संबंध जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित किया है। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र में खेती, बागवानी पर निर्भर किसान परिवारों को लाखों का नुकसान हुआ है। प्रेषित ज्ञापन में अमर सिंह, विनोद चौहान, यशपाल जोशी, रमेश सिंह, मोहर सिंह, देवेंद्र खत्री, उमेश जोशी, प्रदीप, मनेश कुमार, नीमदास आदि के हस्ताक्षर हैं।

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