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Uttarakhand Weather: बारिश से पहाड़ पर बने कई डेंजर प्वाइंट, मैदान में रपटे भी गड्ढों में तब्दील

जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में पहाड़ दरकने से कई डेंजर प्वाइंट बन गए हैं जिससे आए दिन बाधित यातायात ग्रामीणों की परेशानी में इजाफा कर रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2020 04:20 PM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2020 04:20 PM (IST)
Uttarakhand Weather: बारिश से पहाड़ पर बने कई डेंजर प्वाइंट, मैदान में रपटे भी गड्ढों में तब्दील
Uttarakhand Weather: बारिश से पहाड़ पर बने कई डेंजर प्वाइंट, मैदान में रपटे भी गड्ढों में तब्दील

विकासनगर(देहरादून), जेएनएन। बारिश से जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में पहाड़ दरकने से कई डेंजर प्वाइंट बन गए हैं, जिससे आए दिन बाधित यातायात ग्रामीणों की परेशानी में इजाफा कर रहा है। वहीं, मैदान में बरसाती नदियों के रपटे गड्ढों में तब्दील होने की वजह से वाहन स्वामियों को चोटिल कर रहे हैं। शीतला व रुद्रपुर की गौना नदी के रपटे पूरी तरह से टूट चुके हैं, जिसमें बने गड्ढों में वाहन फंसने से वाहन सवारों के बहने का खतरा बढ़ रहा है। ग्रामीणों के समस्याएं बताने के बाद भी

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तहसील प्रशासन और जनप्रतिनिधि समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं दिख रहे। जौनसार बावर में हरिपुर-कोटी इच्छाड़ी मार्ग पिछले एक हफ्ते में तीन बार बंद हो चुका है। मार्ग पर कोलिया खड्ड, धमोग के पास भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं और मार्ग पर डेंजर प्वाइंट बन गए हैं। कोलिया खड्ड में आए तेज बहाव में एक लोडर भी बह गया था। इसी तरह से कालसी-चकराता मार्ग पर जजरेड, असनाडी, चापनू, ककाड़ी खड्ड के पास कई बार भूस्खलन हो चुका है। 

जजरेड पहाड़ी पर भूस्खलन के चलते कालसी चकराता मार्ग का यह सबसे खतरनाक एरिया बन गया है। मलबे और बोल्डर की चपेट में आकर अभी तक छह व्यक्ति जान भी गवां चुके हैं, लेकिन लोनिवि समस्याओं का स्थायी हल नहीं निकाल पा रहा है। आए दिन मुख्य मार्गों के बंद होने से ग्रामीण परेशान हैं। वहीं पछवादून के मैदानी इलाकों में बरसाती नदियों शीतला, गौना के रपटे गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं। 

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बरसात में रपटे से गुजरने वाले वाहन फंसने से चालक की जान पर बन आती है। सहसपुर क्षेत्र के रुद्रपुर प्रधान देवराज सेमवाल, निखिल रतूड़ी, सचिन रतूड़ी, राजेंद्र सुयाल, रंझोर नेगी, प्रवीण नेगी, ऋषिराज सेमवाल, सहसपुर के पूर्व प्रधान सुंदर थापा, प्रदीप गौतम, भगवान सिंह आदि का कहना है कि रपटों पर जल्द पुल निर्माण होना चाहिए, जिससे बरसात में रपटों को पार करने का जोखिम व्यक्तियों को न उठाना पड़े। 

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