Uttarakhand Weather : आज भारी बारिश का अलर्ट, बदरीनाथ हाईवे बंद होने पर SDRF ने बीमार को एंबुलेंस तक पहुंचाया
Uttarakhand Weather प्रदेश में भारी वर्षा के कारण भूस्खलन और पहाड़ियां दरकने का सिलसिला जारी है। वहीं मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज भी देहरादून समेत छह जिलों में भारी वर्षा होने का अनुमान जताया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Weather : उत्तराखंड में भारी वर्षा का दौर जारी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक रुक-रुककर वर्षा हो रही है। जिससे परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
खासकर पहाड़ों में मुख्य मार्गों के साथ ही कई ग्रामीण संपर्क मार्गों पर मलबा आने से आवाजाही प्रभावित हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज भी देहरादून समेत छह जिलों में भारी वर्षा होने का अनुमान है।
प्रदेश में भारी वर्षा के कारण भूस्खलन और पहाड़ियां दरकने का सिलसिला जारी है। विभिन्न जिलों में 60 से अधिक मोटर मार्ग अभी बंद पड़े हैं। जिससे ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लामबगड़ नाला में आया उफान, बीमार को SDRF ने कराया पार
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ नाला उफान पर आ गया है। जिससे मार्ग बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से बीमार व्यक्ति को एसडीआरएफ (SDRF) ने पालकी बनाकर पार करवाया गया।
जानकारी के मुताबिक भारत के अंतिम गांव माणा से गब्बर सिंह बड़वाल, पुत्र स्व मोहन सिंह बड़वाल उम्र 58 साल को माइनर हार्ट अटैक आ गया था। उन्हें उपचार हेतु हायर सेन्टर ले जाया जा रहा है।
लामबगड़ में नाला बन्द होने के चलते एसडीआरएफ कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें नाले से पार पहुंचाया। मानसून में जगह-जगह हाईवे बन्द होने से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एसडीआरएफ ने पालकी बनाकर मरीज को तुरंत नाला पार करवाया। इस पर परिजनों ने एसडीआरएफ का आभार जताया।
इससे पहले गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे के करीब बदरीनाथ हाईवे रुद्रप्रयाग व श्रीनगर के बीच खांकरा में पहाड़ी से मलबा व बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया। बदरीनाथ मार्ग नौ घंटे बंद रहा।
यमुनोत्री हाईवे (Yamunotri Highway) भूस्खलन से अवरुद्ध
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़कोट के निकट भूस्खलन हुआ है तथा एक पेड़ भी राजमार्ग पर गिरा है राजमार्ग को सुचारू करने का कार्य चल रहा है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित सभी तहसील क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं।
शुक्रवार को सुबह के दौरान मोरी और यमुना घाटी में जमकर वर्षा हुई। मोरी के आराकोट क्षेत्र में वर्षा के कारण चार संपर्क मार्ग बाधित हो चुके हैं। विद्युत लाइन भी क्षतिग्रस्त हुई है, जिससे आराकोट क्षेत्र के 16 गांव में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।
बीन नदी के उफान ने एनजीटी की पड़ताल पर लगाया ब्रेक
वहीं हरिद्वार में राजाजी टाइगर रिजर्व इको सेंसेटिव जोन इलाके में पार्क की सीमा से सट कर बनाए गए रिजार्ट, होटल और बार इत्यादि की जांच को लेकर एनजीटी की समिति की पड़ताल पर ब्रेक लग गया है।
एनजीटी की बनाई समिति को जंगल के अंदरूनी इलाकों में इस तरह की गतिविधियों की जांच विंध्यवासिनी देवी क्षेत्र में करनी थी। लेकिन इस रास्ते पर घने जंगल में पड़ने वाली बीन नदी में उफान आने के कारण समिति ने नदी का जलस्तर कम होने और मौसम में सुधार आने तक फिलहाल जांच पर ब्रेक लगा दिया है।
यह जानकारी देते हुए वार्डन प्रशांत हिंदवाण ने बताया कि मौसम में सुधार होने के बाद समिति अपनी जांच का काम आगे बढ़ाएगी।
Badrinath Highway पर सिरोबगड़ में दो घंटे आवाजाही ठप
गुरुवार को बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ में आवाजाही ठप हो गई थी। नेशनल हाईवे की जेसीबी मशीनें भी लगभग एक घंटे बाद मौके पर पहुंची और दोपहर ढाई बजे यहां पर आवाजाही सुचारू हो सकी। इस बीच हाईवे के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। सिरोबगड़ में भी सुबह लगभग दो घंटे आवाजाही ठप रही।
सहस्रधारा में भूस्खलन (Sahasradhara Landslide ) से काफी नुकसान
इधर, देहरादून में भी सहस्रधारा क्षेत्र में भारी वर्षा के चलते बुधवार रात हुए भूस्खलन से काफी नुकसान हो गया था। जिसकी चपेट में पांच से छह मकान आ गए और वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए।
इस दौरान पांच लोग घायल हो गए और चार मवेशियों की मौत हो गई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं भारी वर्षा के आसार हैं। जबकि, अन्य जिलों में गरज के साथ तीव्र बौछार पड़ सकती हैं।
काबीना मंत्री Ganesh Joshi ने किया आपदाग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण
दून के सहस्रधारा क्षेत्र में बुधवार रात भारी वर्षा के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ लोग चोटिल भी हुए हैं। गुरुवार को काबीना मंत्री गणेश जोशी ने सहस्रधारा के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में हुए नुकसान का निरीक्षण किया।
घटनास्थल का मौका मुआयना करने के बाद कैबिनेट मंत्री जोशी ने संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि वर्षा के कारण जिनके भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें मुआवजा राशि प्रदान की जाए।
उन्होंने प्रभावितों को हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए भी अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्र का पूरी तरह से निरीक्षण किया जाए और भविष्य के जोखिमों से बचने के लिए जरूरी कदम उठाया जाएं।
आपदा मद में इंद्रेश मोहन, अनिल, दूकेश्वरी देवी, प्रेमचंद, सुरेश, वीर सिंह चौहान, दिगंबर सिंह चौहान व रमेश को सहायता राशि के चेक प्रदान किए गए। इस अवसर पर जिलाधिकारी सोनिका, उप जिलाधिकारी नरेश दुर्गापाल, जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चौहान, समीर पुंडीर सहित विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।