Move to Jagran APP

दुनिया के सामने आएंगी उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां, यहां इंटरनेशनल फ्लाइट्स भी भरेंगी उड़ान

उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां अब दुनिया के सामने आएंगी। राज्य को अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं से जोड़ने योजना बनी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 04:51 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 09:50 PM (IST)
दुनिया के सामने आएंगी उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां, यहां इंटरनेशनल फ्लाइट्स भी भरेंगी उड़ान
दुनिया के सामने आएंगी उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां, यहां इंटरनेशनल फ्लाइट्स भी भरेंगी उड़ान

देहरादून, विकास गुसाईं। उत्तराखंड के नैसर्गिक सौंदर्य को दुनिया के सामने लाने के लिए इसे सीधे अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवाओं से जोड़ने योजना बनी। मकसद, विदेशी पर्यटक अपने देशों से सीधे उत्तराखंड आएं और फिर यहां की हेलीसेवाएं के जरिये फूलों की घाटी, हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखलाओं की खूबसूरती निहारे, पर्यटन स्थलों की सैर करें। इससे न केवल उत्तराखंड विश्व में अपनी अलग पहचान बनाएगा बल्कि तेजी से पर्यटन क्षेत्र के रूप में भी उभरेगा। 

loksabha election banner

योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए केंद्र से सहयोग की बात कही गई। कहा गया कि योजना ऐसी बने कि लंदन और अमेरिका से सीधे फ्लाइट देहरादून तक आए। देहरादून से काठमांडू को जोड़ा जाएगा। हिमालयन फ्लाइट शुरू की जाएगी। इससे उत्तराखंड के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राजस्व भी बढ़ेगा। अफसोस कि शुरुआती दिनों पर इस पर खूब चर्चा तो हुई लेकिन बात में यह योजना हवाहवाई ही साबित हुई।

पूर्वजों की खोज का सपना

प्रदेश के पवित्र तीर्थ स्थलों और धामों की बही के जरिये भारत में बसें पूर्वजों को खोजने की योजना, प्रवासी भारतीयों के मन में इससे कुछ आस जगने लगी। इसके लिए बाकायदा कार्ययोजना तैयार की गई। दावे किए गए कि इससे प्रदेश में पर्यटन को गति मिलेगी। अफसोस, पर्यटन विभाग की यह कवायद अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाई। योजना यह थी कि इच्छुक आप्रवासी अपने दूतावासों के जरिये अपने पूवर्जों के नाम और गांव की जानकारी प्रदेश को भेजेंगे। हरिद्वार, बदरीनाथ और केदारनाथ में सैकड़ों सालों से बन रही बही में यहां आने वाले लोगों के नाम और पते दर्ज रहते हैं। स्थानीय पंडों के सहयोग से इन्हें तलाशा जाएगा। इसके बाद इसकी सूचना आप्रवासी भारतीयों को भेजी जाएगी। इससे आप्रवासियों को भारत में उनके मूलनिवास के संबंध में जानकारी मिल सकेगी। एक वर्ष पूर्व बनाई गई यह योजना अभी तक मूर्त रूप नहीं ले पाई है।

चारधाम का प्राचीनतम यात्रा मार्ग

करोड़ों देशी और विदेशी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र उत्तराखंड का चारधाम। चारधाम यात्र लंबे समय से चली आ रही है। विभाग को दिव्य अनुभूति हुई कि चारधामों का यात्र मार्ग देश की सबसे प्राचीनतम यात्र मार्ग है। यह दावा कैसे साबित हो, तो निर्णय लिया गया कि इसमें आमजन का भी सहयोग लिया जाएगा। लोगों से अनुरोध किया जाएगा कि जिस किसी के पास भी ऐसे दस्तावेज, फोटोग्राफ या पांडुलिपि हों, जिसमें इस मार्ग का जिक्र हो, वह इन्हें पर्यटन विभाग को उपलब्ध करा सकता है। इसके लिए पर्यटन विभाग उन्हें पुरस्कृत भी करेगा। अफसोस कि विभाग की तमाम महत्वकांक्षी योजनाओं की भांति ही यह योजना भी परवान नहीं चढ़ पाई। न तो विभाग को किसी ने कोई दस्तावेज उपलब्ध कराए और न ही इसके लिए उनसे संपर्क किया गया। इसका कारण प्रचार-प्रसार का अभाव व लचर कार्यशैली को माना गया।

नए राजस्‍व ग्रामों का गठन

प्रदेश की मौजूदा प्रशासनिक इकाइयों के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए नए राजस्व ग्राम बनाने की योजना तैयार गई। राजस्व ग्राम बनने से उम्मीद जताई गई कि इससे इन गांवों को केंद्र व प्रदेश सरकार से मिलने वाली योजनाओं का लाभ मिलेगा। क्षेत्र में विकास होगा और ग्रामीण भी आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। यह सिस्टम की सुस्त रफ्तार ही थी कि प्रदेश में बीते पांच सालों में कुल 39 राजस्व ग्राम बनें।

यह भी पढ़ें: ट्रैप कैमरों में कैद हुए 12 हिम तेंदुए, इससे पार्क प्रशासन खासा उत्साहित

इसे देखते हुए 24 नए राजस्व ग्राम बनाने का निर्णय लिया। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने जिलों व तहसीलों में समितियों का गठन किया। इन समितियों को कहा गया कि सभी क्षेत्रों से प्रस्ताव मांगे जाएं। जब तक समिति अपना काम पूरा करती तब तक बहुत देर हो गई। केंद्र ने स्पष्ट किया कि अब 2021 की जनगणना के बाद ही नए ग्रामों का गठन किया जाएगा। इससे पूरी कवायद ही ठंडे बस्ते में चली गई है।

चिड़ियाघर में वन्‍य जीवों को मिलेगा सेनिटाइज खाना, जिम कॉर्बेट में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.