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उत्तराखंड: बेरोकटोक दौड़ रही बसों का रिकार्ड नहीं, सचिव का चढ़ा पारा; अधिकारियों को लगाई फटकार

दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों को लेकर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी का असर शुक्रवार को देखने को मिला। सचिव परिवहन डा. रणजीत सिन्हा समेत रोडवेज के प्रबंध निदेशक डा. नीरज खैरवाल शुक्रवार को अचानक आइएसबीटी पहुंच गए और रिकार्ड न मिलने पर भड़क उठे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 03:05 PM (IST)
उत्तराखंड: बेरोकटोक दौड़ रही बसों का रिकार्ड नहीं, सचिव का चढ़ा पारा। प्रतीकात्मक फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में टैक्स चुकाए बिना बेरोकटोक दौड़ रही दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों को लेकर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य की नाराजगी का असर शुक्रवार को देखने को मिला। बसों के बारे में 'दैनिक जागरण' में खबर प्रकाशित होने के बाद सचिव परिवहन डा. रणजीत सिन्हा समेत रोडवेज के प्रबंध निदेशक डा. नीरज खैरवाल शुक्रवार को अचानक आइएसबीटी पहुंच गए। दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों के संबंध में कोई रिकार्ड न होने पर सचिव का पारा चढ़ गया और अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। इतना ही नहीं आइएसबीटी के बाहर से हो रहे डग्गामार बसों के संचालन पर भी सचिव ने नाराजगी जताई और प्रवर्तन टीमों को कार्रवाई के निर्देश दिए।

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रोडवेज की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद पिछले दो महीने से सरकार परिवहन विभाग व रोडवेज के कार्यों की समीक्षा कर रही है। इसी क्रम में परिवहन सचिव सिन्हा ने गत 22 जुलाई को आरटीओ कार्यालय में छापा मारकर टैक्स वसूली का रिकार्ड तलब किया था। उसी दौरान सामने आया था कि परिवहन विभाग व रोडवेज अधिकारियों को दूसरे राज्यों से आने वाली रोडवेज बसों की जानकारी नहीं है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये की सालाना चपत लग रही है।

शुक्रवार को दैनिक जागरण में इसका पर्दाफाश भी किया गया कि उत्तराखंड में बाहरी राज्य से आने वाली केवल 37 बसों का रिकार्ड दर्ज है, जबकि यहां लगभग डेढ़ हजार बसें रोज संचालित हो रही हैं। परिवहन मंत्री ने मुख्यमंत्री के समक्ष मामला ले जाने और उच्च स्तरीय बैठक बुलाने की बात कही तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इसी क्रम में शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे सचिव परिवहन व रोडवेज प्रबंध निदेशक अचानक आइएसबीटी पहुंच गए। सूचना पर परिवहन विभाग और रोडवेज के अन्य अधिकारी भी वहां आ पहुंचे।

वहां उत्तर प्रदेश समेत राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और हिमाचल की बसों को देख सचिव ने अधिकारियों से पूछा कि रोज कितनी बसें यहां आ रहीं तो अधिकारियों ने बताया कि गत 25 जुलाई से देहरादून आने वाली बाहरी राज्यों की बसों का रिकार्ड बन रहा है। आइएसबीटी व परिवहन विभाग के चेकपोस्टों पर सभी बसों को रोककर उनका डिपो व नंबर नोट किया जा रहा। इस डाटा का मिलान परिवहन करार में तय हुए बसों के फेरों व संख्या से किया जाएगा।

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रोडवेज बस अड्डों पर लगेंगे आइपी कैमरा

राज्य में टैक्स की चोरी कर उत्तराखंड में बेरोकटोक दौड़ रही दूसरे राज्यों की रोडवेज बसों की निगरानी के लिए अब रोडवेज बस अड्डों पर इंटरनेट प्रोटोकाल कैमरे (आइपी कैमरे) लगाए जाएंगे। परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा की टैक्स चोरी पर नाराजगी के बाद परिवहन विभाग ने यह तैयारी कर ली है। पहले चरण में देहरादून और हरिद्वार में पांच-पांच आइपी कैमरे लगाए जाएंगे व इसके बाद पूरे प्रदेश में इन पर काम होगा। कैमरों में बाहरी राज्यों से आने वाली बसों के फेरे दर्ज हो जाएंगे। उसके बाद टैक्स के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी। कैमरों से परिवहन विभाग व रोडवेज के अधिकारी अपने मोबाइल पर भी बसों की जानकारी जुटा सकेंगे।

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चेकपोस्ट पर एएनपीआर कैमरे

बस अड्डों के साथ ही परिवहन विभाग अपने सभी चेकपोस्ट पर आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनाइजेशन (एएनपीआर) कैमरे लगाने जा रहा। अभी चेकपोस्ट पर विभाग के कर्मचारी मैनुअली तरीके से बाहरी राज्य से आने वाले व्यावसायिक वाहनों पर नजर रख रहे हैं। सचिव डा. सिन्हा ने बताया कि एएनपीआर कैमरे में नंबर प्लेट के साथ ही वाहन का पूरा डाटा रिकार्ड हो जाएगा और उन वाहनों का पता लगाया जा सकेगा जो बिना टैक्स दिए संचालित होंगे। इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसमें बस व ट्रक समेत टैक्सी-मैक्सी व लोडर आदि की टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी।

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