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Uttarakhand Lockdown Day 4: पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं पहुंचा, चाहिए तो सिर्फ दो वक्त की रोटी

पिछले कईघंटों से पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं पहुंचा है। फिलहाल सिर पर छत तो है लेकिन अगले हफ्ते उसका भी किराया देना है। ये दर्द है यहां काम कर रहे मजदूरों का।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 08:19 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 08:19 PM (IST)
Uttarakhand Lockdown Day 4: पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं पहुंचा, चाहिए तो सिर्फ दो वक्त की रोटी
Uttarakhand Lockdown Day 4: पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं पहुंचा, चाहिए तो सिर्फ दो वक्त की रोटी

देहरादून, जेएनएन। जो पैसे थे, अब खत्म हो चुके हैं। पिछले कईघंटों से पेट में अन्न का एक दाना भी नहीं पहुंचा है। फिलहाल सिर पर छत तो है, लेकिन अगले हफ्ते उसका भी किराया देना है। नहीं दिया तो ठिकाना भी छिन जाएगा। फिलहाल एक ही आस है कि किसी तरह दो वक्त की रोटी मिल जाए। यह पीड़ा है लखनऊ के उन छह मजदूरों की, जो काम की तलाश में दून आए थे। लेकिन, यहां आते ही कोरोना के कारण लॉकडाउन की ऐसी मार पड़ी कि अब अन्न के एक-एक दाने को मोहताज हैं। फिलहाल इन गरीबों को किसी मददगार का इंतजार है। हालांकि, गुरुवार के बाद शुक्रवार का दिन भी इन लोगों का इंतजार में ही बीत गया। 

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लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले दिनेश कुमार, राहुल कुमार, शिव पूजन, सोनीलाल, गजेंद्र कुमार और उनकी पत्नी गीता रोजी-रोटी की तलाश में घर से निकले थे। 20 मार्च को लखनऊ से बस में बैठे और 21 की शाम देहरादून पहुंच गए। दिनेश ने बताया कि वे सभी पुताई का काम करते हैं। यहां इस उम्मीद से आए थे कि कहीं काम मिल जाएगा। इसी आस में मोहकमपुर स्थित कृष्ण मंदिर के पास दो हजार रुपये में कमरा किराये पर ले लिया। अगले दिन काम ढूंढने निकले, लेकिन कोरोना के चलते हर किसी ने काम देने से मना कर दिया। इसके अगले दिन 22 मार्च को पता चला कि जनता कर्फ्यू है और किसी को बाहर नहीं जाना। इसके बाद 23 से लॉकडाउन लागू हो गया। 

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सरकारी बैंकों में हुआ कंज्यूमर ओरिएंटेड काम 

लॉकडाउन के चलते दून में सरकारी बैंक सुबह सात बजे से साढ़े दस बजे तक ही खुले रहे हैं। हालांकि बड़ी संख्या में निजी बैंकों ने शाखाएं बंद रखी। अधिकतर लोगों ने राशि की निकासी के लिए एटीएम का ही सहारा लिया। सरकारी बैंक में इस दौरान कंज्यूमर और ओरिएंटेड काम ही किए गए। शुक्रवार को सरकारी बैंक बिना किसी ढिलाई के कामकाज करते नजर आए। शहरी और ग्रामीण इलाकों की शाखाएं खुली रखीं। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, लीड बैंक मैनेजर बैंकों पर नजर बनाए हुए हैं। शुक्रवार को कई निजी बैंक बंद रहे। 

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