Uttarakhand Lockdown: मानसिक तनाव से बचने को अब होगी काउंसलिंग, चिकित्सकों की लगी ड्यूटी
देहरादून में खोले गए शेल्टर होम में रह रहे लोगों की अब मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए मनोचिकित्सक उन्हें परामर्श देंगे।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान जिले में खोले गए शेल्टर होम में रह रहे लोगों की अब मेंटल हेल्थ पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए मनोचिकित्सक उन्हें परामर्श देंगे। आश्रय स्थलों या शेल्टर होस में रह रहे प्रवासी मजदूरों को मानसिक तनाव बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहल की है। राजकीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान की ओर से ऐसे लोगों के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए चार चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई जो सप्ताह में अलग-अलग दिन ड्यूटी करेंगे।
कोरोना के बढ़ते खौफ के बीच हुए लॉकडाउन ने जिंदगी की रफ्तार थाम दी है। खासकर वह मजदूर और फैक्ट्री श्रमिक जिनके पास अब न काम है और न आसरा। ऐसे लोगों के लिए शेल्टर होम बनाए गए हैं। पर भविष्य की चिंता और कोरोना के डर के कारण इन पर तनाव हावी होने लगा है। कई लोगों को ऐसा लग रहा है कि उनके साथ आने वाले दिनों में कुछ बुरा घटित हो सकता। इसकी वजह से कुछ लोग सामान्य लोगों की तुलना में कुछ अलग बर्ताव भी कर रहे हैं।
ऐसे लोगों की मदद के लिए अब सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी के निर्देशों पर राजकीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के चिकित्साधीक्षक ने डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई है। बताया कि प्रशिक्षरत चिकित्सक डॉ. निशिकांत और मनोवैज्ञानिक निधि सोमवार और शुक्रवार, मनोचिकित्सक डॉ. रेखा रावत और मनोवैज्ञानिक डॉ. अनुराधा मंगलवार और वीरवार, मनोचिकित्सक डॉ. जेएस बिष्ट और मनोवैज्ञानिक नीलम जोशी बुधवार और शनिवार और मानसिक चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अभिषेक गुप्ता और मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रतिभा शर्मा रविवार को ऐसे मरीजों की काउंसलिंग करेंगे।
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