coronavirus: यहां क्वारंटाइन में तनाव भगाने को कराया जा रहा है योग, जानिए
एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पहुंचने वाले लोगों को पुलिस और प्रशासन 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर रही है। हालांकि वे इस दौरान तनाव में ना आएं इसके लिए भी खासे इंतजाम किए जा रहे है
ऋषिकेश, जेएनएन। लॉकडाउन में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पहुंचने वाले लोगों को पुलिस और प्रशासन 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर रही है। हालांकि वे इस दौरान तनाव में ना आएं इसके लिए भी खासे इंतजाम किए जा रहे हैं। ऋषिकेश में ऐसे लोगों को योग के जरिए तरोताजा रखा जा रहा है।
लॉकडाउन के बाद ऋषिकेश के बस टर्मिनल कंपाउंड में पहुंचे 40 लोगों को पुलिस की मदद से स्वास्थ्य विभाग ने क्वारंटाइन कर देहरादून रोड स्थित सनराइज वेडिंग प्वाइंट में रखा गया है। इनमें छह महिलाएं और आठ बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस उपाधीक्षक बीएस रावत ने बताया कि डीआइजी अरुण मोहन जोशी के निर्देश पर यहां सब के सोने के लिए निश्चित दूरी में बिस्तर लगाए गए हैं। नगर निगम की सहायता से मोबाइल टॉयलेट और पानी की व्यवस्था की गई है। दोनों समय भोजन की व्यवस्था है। पुलिस की टीम भी यहां तैनात की गई है।
शुक्रवार की सुबह जब सभी लोग जाग गए तो उनके लिए पुलिसकर्मियों ने आधा घंटा योगा क्लास लगाई। जिसमें इन सभी को योगाभ्यास कराया गया। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि अपने घरों से दूर रह रहे हैं इन तमाम लोगों को स्वस्थ और तनावमुक्त रखने के लिए योग का सहारा लिया जा रहा है। इन सभी की तमाम सुविधाओं का भी मधुर व्यवहार के साथ ख्याल रखा जा रहा है।
तीन होटल सेवा में समर्पित
नगर पंचायत स्वर्गाश्रम कि सभासद नमो नारायण सेवा ने अनूठी मिसाल पेश की है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में उनके नारायण कुंज गायत्री कुंज और आशीर्वाद कुंज तीन होटल है। उन्होंने इन सभी होटल को लोगों के ठहरने के लिए निश्शुल्क सेवा दी है।
रोडवेज को मिले 20 करोड़ फरवरी का वेतन होगा जारी
वेतन की बाट जोह रहे रोडवेजकर्मियों के लिए राहत की खबर है। सरकार ने रोडवेज की बकाया राशि में से बीस करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। यह राशि शनिवार को रोडवेज के खाते में आ आएगी। अगले हफ्ते रोडवेजकर्मियों को फरवरी का लंबित वेतन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
रोडवेज पहले ही आर्थिक तंगी ङोल रहा था, ऐसे में कोरोना के चलते लॉकडाउन में बसें न चलने से रोडवेज की कमर टूट गई है। स्थिति ये है कि इस समय रोडवेज एक माह का वेतन देने की स्थिति में भी नहीं है जबकि उस पर दो माह का वेतन लंबित है। ऐसे में रोडवेज की कर्मचारी यूनियनें पिछले कुछ दिनों से लगातार सरकार पर मदद की गुहार लगा रही थी। दरअसल, सरकार पर मौजूदा वक्त में रोडवेज के 65 करोड़ रुपये बकाया हैं।
लंबित बकाये को लेकर पिछले अक्टूबर में रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दी गई थी। उस समय बकाये की राशि 86 करोड़ रुपये थी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने करीब 31 करोड़ का भुगतान कर दिया, मगर इस बीच रोडवेज के 10 करोड़ के बिल दोबारा लंबित हो गए। ऐसे में 31 करोड़ चुकाने के बाद लंबित 55 करोड़ की राशि फिर बढ़कर 65 करोड़ रुपये हो गई।
इधर, लॉकडाउन के चलते बसें खड़ी हैं और कर्मचारियों का दो माह का वेतन देना रोडवेज के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वर्तमान में रोडवेज को प्रतिमाह वेतन के रूप में लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। नियमित कर्मियों का तो इस वक्त किसी तरह काम चल जा रहा, मगर सबसे बड़ी दिक्कत विशेष श्रेणी, संविदा चालकों व परिचालकों के साथ आ रही। इन्हें प्रति किमी के हिसाब से भुगतान होता है। ऐसे में लॉकडाउन में इन्हें बेहद आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा। मगर, इनके लिए सरकार ने राहत दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को रोडवेज को 20 करोड़ रुपये देने की फाइल मंजूर कर दी। मंगलवार तक रोडवेजकर्मियों को वेतन मिल जाएगा।
150 परिवारों तक खाना पहुंचा रहा यूथ 18 ग्रुप
लॉकडाउन के चलते कोई भूखा न रहे इसके लिए यूथ 18 ग्रुप छिद्दरवाला रोजाना 150 लंच पैकेट बनाकर मजदूर व खानाबदोस लोगों तक पहुंचा रहा है। ग्रुप की फाउंडर अंजली नैथानी, आयुष रावत, रोबिन रावत, सोहन पोखरियाल और निशांत हर दिन खुद दाल, चावल, रोटी, सब्जी तैयार कर पैकेट बनाते हैं। इसके बाद आस-पास रहने वाले खानाबदोस, मजदूर परिवारों तक खाने का पैकेट पहुंचाया जाता है। ग्रुप के सदस्य खुद शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करते हैं।
पूर्व सैनिकों की सूची मांगी
कोरोना महामारी से निपटने के लिए भविष्य में सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की सेवाएं ली जा सकती हैं। इसको देखते हुए जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल डीके कौशिक ने पूर्व सैनिक संगठन के माध्यम से पूर्व सैनिकों से ऐसे पूर्व सैनिक की सूची मांगी है।