उत्तराखंड को मिल सकता है एक और डॉप्लर रडार
उत्तराखंड को एक और डॉप्लर राडार मिल सकता है। दरअसल, बदरीनाथ धाम के साथ ही चमोली समेत कुछ हिस्से पहले स्वीकृत दो रडारों में नहीं आ रहे हैं। इसलिए तीसरे की मांग की गर्इ है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सरकार की कोशिशें रंग लाई तो मौसम के सटीक पूर्वानुमान के मद्देनजर उत्तराखंड को एक और डॉप्लर राडार मिल सकता है। हालांकि, केंद्र की ओर से राज्य में मसूरी व मुक्तेश्वर में दो राडार स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन इनकी जद में बदरीनाथ धाम समेत कुछ क्षेत्र नहीं आ पा रहे। इसे देखते हुए अब एक और राडार की मांग पर जोर दिया जा रहा, जो चमोली जिले में किसी क्षेत्र में लगाया जा सकता है।
आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में मौसम के सटीक पूर्वानुमान के मद्देनजर डॉप्लर राडार की मांग लंबे अर्से से उठ रही है। इस बीच केंद्र की मौजूदा सरकार ने देशभर में 1100 करोड़ की लागत से 54 डॉप्लर राडार स्थापित करने का निर्णय लिया, जिसमें उत्तराखंड के हिस्से में दो राडार आए हैं। प्रदेश सरकार ने इनमें से मुक्तेश्वर और दूसरा मसूरी में स्थापित करने का निर्णय लिया है। मुक्तेश्वर में भूमि फाइनल की जा चुकी है, जबकि मसूरी में जगह चयनित कर ली गई है।
अब इसका भारत मौसम विभाग से निरीक्षण होना है। सूत्रों के मुताबिक मुक्तेश्वर और मसूरी में डॉप्लर राडार लगने के बाद इनकी रेंज में केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम समेत राज्य का अधिकांश हिस्सा आ जाएगा, लेकिन बदरीनाथ धाम के साथ ही चमोली समेत भीतरी जिलों के कुछ हिस्से नहीं आ पाएंगे। इसे देखते हुए अब एक और डॉप्लर राडार की मांग केंद्र सरकार से करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके स्वीकृत होने पर तीसरा राडार चमोली जिले में लगाया जा सकता है। उधर, सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया कि सरकार की पहली प्राथमिकता मुक्तेश्वर और मसूरी में डॉप्लर स्थापित करने पर है। इनका कवरेज देखने के बाद तीसरे राडार के लिए प्रयास किए जांएगे।
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