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उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सीधी भर्ती में रोस्टर परिवर्तन की खिलाफत की

उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सीधी भर्ती में रोस्टर में परिवर्तन की खिलाफत की है। साथ ही शासन की ओर से पदोन्नति पर लाई गई रोक को हटाने की मांग की है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 05:25 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 05:25 PM (IST)
उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सीधी भर्ती में रोस्टर परिवर्तन की खिलाफत की
उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सीधी भर्ती में रोस्टर परिवर्तन की खिलाफत की

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सीधी भर्ती में रोस्टर में परिवर्तन की खिलाफत की है। साथ ही शासन की ओर से पदोन्नति पर लाई गई रोक को शीघ्र हटाने की भी मांग की है। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकार के विरोध में आगामी 17 फरवरी को सामूहिक धरना और 20 को रैली का आयोजन किया जाएगा।

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बुधवार को तहसील चौक स्थित एक होटल में एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक हुई। जिसमें प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कार्मिकों की समस्या और एसोसिएशन की मांगों पर चर्चा की। पदाधिकारियों ने कहा कि बिना आरक्षण लागू की गई पदोन्नति पर लगी रोक को हटाया जाए। कहा कि 11 सितंबर 2019 तक हुई पदोन्नति पर अभी तक कई विभागों में रोक लगी हुई है। 

अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि परिवहन मंत्री यशपाल आर्य के विभाग में एआरटीओ से लेकर आरटीओ पद के लिए हुई डीपीसी के परिणाम अभी तक घोषित नहीं किए गए हैं। उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि सीधी भर्ती में वर्तमान में जारी रोस्टर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन स्वीकार नहीं किया जाएगा। 

महासचिव गुसाईं ने बताया कि मांगों को लेकर आगामी 17 फरवरी को सभी जनपदों में सामूहिक धरना दिया जाएगा। इसके बाद 20 फरवरी को प्रदेश स्तरीय रैली का आयोजन किया जाएगा। बैठक में प्रांतीय महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट, आरएस बिष्ट, पूर्णानंद नौटियाल, मुकेश बहुगुणा, आशुतोष सेमवाल, सीएल असवाल, कपिल कुमार, वीके धस्माना, सुनीता उनियाल, एलएम रावत आदि उपस्थित थे।

एकीकरण के खिलाफ कृषि कर्मचारी संघ

कृषि और उद्यान विभाग के एकीकरण के खिलाफ विरोध के स्वर उठ रहे हैं। कृषि कर्मचारी संघ ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए दोनों विभागों के कार्मिकों को विश्वास में लेने की मांग की है। किसान भवन में उत्तराखंड कृषि कर्मचारी संघ की बैठक हुई। जिसमें कर्मचारियों ने उद्यान एवं कृषि विभाग के एकीकरण का विरोध जताते हुए सरकार के इस फैसले की निंदा की।

संघ के अध्यक्ष डॉ. सुदेश जुगरान ने कहा कि कृषि और उद्यान विभाग के कार्य भिन्न हैं। ऐसे में इनके एकीकरण का निर्णय तर्कसंगत नहीं है। एकीकरण से कार्मिकों की जेष्ठता और कार्य योग्यता पर प्रभाव पड़ेगा। कहा कि कृषि विभाग में क्षेत्रीय कार्मिक तकनीकी हैं और उनकी शैक्षिक योग्यता भी चार वर्षीय कृषि स्नातक है, जबकि उद्यान विभाग में भर्ती स्रोत सामान्य बीएससी गैर तकनीकी है। संघ का कहना है कि सरकार की ओर से बिना अध्यक्ष किए दोनों विभागों के एकीकरण की कवायद शुरू कर दी गई है।

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संघ के महामंत्री नरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि विभागों के एकीकरण में किसी भी संवर्ग के पदों की कटौती स्वीकार नहीं की जाएगी। आरोप लगाया कि कृषि विभाग में सिंगल विंडो सिस्टम की खामियां अभी तक दूर नहीं हो सकी हैं। बैठक में संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पीपी शैली, कृषि मिनिस्टीरियल फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मुकेश ध्यानी, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ गढ़वाल मंडल अध्यक्ष ओमपाल चौहान, नरेश नौटियाल, अरुण नौटियाल, हिमांशु कुमार, विजय कुमार, विनोद पटवाल, कुलदीप बहुगुणा आदि उपस्थित थे।

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